पानी के संकट को लेकर सुलगा पाकिस्तान, उग्र भीड़ ने फूंका गृहमंत्री का घर, दो की मौत

Edited By Updated: 22 May, 2025 09:17 AM

pakistan erupts over water crisis

पाकिस्तान में पानी का गहराता संकट अब आम लोगों के गुस्से में बदल गया है। सिंध प्रांत में एक विवादित नहर परियोजना को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इन झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई है और एक...

इंटरनेशनल डेस्क। पाकिस्तान में पानी का गहराता संकट अब आम लोगों के गुस्से में बदल गया है। सिंध प्रांत में एक विवादित नहर परियोजना को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इन झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई है और एक डीएसपी सहित एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

गृहमंत्री के घर को फूंका, पुलिस पर फायरिंग

सिंध प्रांत के गृहमंत्री जियाउल हसन लंजर के आवास को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने दो ट्रेलर भी फूंक दिए और पुलिस पर गोलियां तक चलाईं। इसके जवाब में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों ने हिंसा को और भड़का दिया।

'चोलिस्तान नहर' पर छिड़ा विवाद

यह पूरा मामला चोलिस्तान नहर परियोजना को लेकर है। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार चोलिस्तान रेगिस्तान की सिंचाई के लिए सिंधु नदी पर छह नई नहरें बनाने की योजना बना रही थी लेकिन पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सिंध सरकार और सिंध प्रांत के अन्य राजनीतिक दल इस योजना का कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि ये नहरें बनने से सिंध प्रांत में खेती और पीने के पानी की स्थिति और भी खराब हो जाएगी। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में कुछ प्रदर्शनकारी AK-47 जैसे हथियारों के साथ सड़कों पर घूमते दिखाई दे रहे हैं जिससे हिंसा की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

 

 

 

पीपीपी और सरकार आमने-सामने

इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंत्री के घर पर हुए हमले को आतंकी कार्रवाई करार दिया है और हिंसक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं इस्लामाबाद ने कॉमन इंटरेस्ट्स काउंसिल की बैठक के बाद स्पष्ट किया है कि जब तक सभी प्रांतों में सहमति नहीं बन जाती तब तक कोई नई नहर योजना लागू नहीं की जाएगी।

सिंध में पानी की किल्लत की जड़ें

पाकिस्तान पहले से ही भीषण जल संकट से जूझ रहा है और सिंध प्रांत में पानी की भारी कमी है। किसानों का आरोप है कि IMF के दबाव में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा उनकी जमीनें जबरन छीनकर कॉरपोरेट खेती के लिए दी जा रही हैं और सेना भी कृषि क्षेत्र में मुनाफे के लिए हस्तक्षेप कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सिंध में जल संकट और हिंसा का सीधा कारण पाकिस्तान की आंतरिक जल-नीति और केंद्र व पंजाब का पक्षपातपूर्ण रवैया है जिससे सिंध के लोगों को पीने और खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।

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