Edited By Tanuja,Updated: 04 Dec, 2021 10:30 AM

पाकिस्तान की सैन्य अदालतों ने एक प्रतिष्ठित अधिकार कार्यकर्ता और तीन सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को जासूसी और राजद्रोह के जुर्म में दोषी...
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सैन्य अदालतों ने एक प्रतिष्ठित अधिकार कार्यकर्ता और तीन सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को जासूसी और राजद्रोह के जुर्म में दोषी ठहराया है तथा उन्हें 12 से 14 साल की जेल की सज़ा सुनाई है। दो सुरक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। चारों पर अलग-अलग मुकदमा चलाया गया और उनके मामलों का एक दूसरे के मामले से कोई संबंध नहीं था। हालांकि यह साफ नहीं है कि उनके खिलाफ कब और कहा सुनवाई हुई। वहीं दोनों सुरक्षा अधिकारियों ने अन्य विवरण की पुष्टि करने से इनकार कर दिया।
कार्यकर्ता इदरीस खट्टक 2019 में मुल्क के उत्तर पश्चिम हिस्से की यात्रा करने के दौरान लापता हो गए थे और बाद में पता चला था कि उनकी गुमशुदगी में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों का हाथ है। महीनों तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि बाद में पुष्टि की गई कि वह हिरासत में हैं।
नाम न उजागर करने की शर्त पर दो सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि खट्टक को 14 साल कैद की सज़ा सुनाई गई है। अधिकारियों ने कहा कि खट्टक पर दुश्मन खुफिया एजेंसियों और अन्य के साथ संवेदनशील और अहम जानकारी साझा करने का आरोप है।
उन्होंने बताया कि इस वजह से हाल के सालों में पाकिस्तान के अशांत पूर्व कबायली क्षेत्रों में अमेरिका ने कई ड्रोन हमले किए हैं। उन्होंने कहा कि खट्टक को वकील के जरिए अपने बचाव करने का अधिकार दिया गया था। उनके अलावा तीन सेवानिवृत अफसरों- कर्नल फैज़ रसूल, कर्नल मोहम्मद अकमल और मेजर सैफुल्लाह बाबर को क्रमश: 14, 10 और 12 साल कैद की सज़ा सुनाई गई है। उनके खिलाफ जासूसी करने और दुश्मन खुफिया एजेंसियों के साथ सहयोग करने को लेकर मामला चलाया गया था। एपी नोमान अमित अमित 0312 2344 इस्माइलिया