Edited By Mehak,Updated: 24 Oct, 2025 01:01 PM

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे सीमा विवाद ने दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर डाला है। 11 अक्टूबर से सीमा बंद होने के बाद व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है और रोजमर्रा की चीजों की कीमतें तेजी से बढ़ गई हैं। काबुल के पाक-अफगान चैंबर ऑफ...
नेशनल डेस्क : पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे सीमा विवाद ने दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर डाला है। 11 अक्टूबर से सीमा बंद होने के बाद व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ गई हैं। काबुल स्थित पाक-अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख खान जान अलोकोजाय के अनुसार, इस विवाद से दोनों देशों को प्रतिदिन लगभग 10 लाख डॉलर का नुकसान हो रहा है।
टमाटर, सेब की कीमतों में भारी उछाल
पाकिस्तान में सबसे ज्यादा असर टमाटर और सेब की कीमतों पर पड़ा है। टमाटर पहले 120 रुपये किलो में उपलब्ध होते थे, लेकिन अब इनकी कीमत 600 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। सेब और अंगूर की कीमतों में भी तेज़ी आई है, क्योंकि इनका बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान से आयात होता है। खान जान अलोकोजाय ने बताया कि हर दिन निर्यात के लिए लगभग 500 कंटेनर सब्ज़ियां आती थीं, जो अब सीमा बंद होने के कारण रुक गई हैं।
सीमा पर अटके 5,000 कंटेनर
तोरखम बॉर्डर पर दोनों देशों की ओर लगभग 5,000 कंटेनर फंसे हुए हैं। इनमें फल, सब्जियां, खनिज, दवाइयां, गेहूं, चावल, चीनी, मांस और डेयरी उत्पाद शामिल हैं। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बाजार में अब टमाटर, सेब और अंगूर जैसी चीजें मिलना मुश्किल हो गई हैं।
सीमा पर झड़पों और हवाई हमलों का असर
सीमा पर झड़पें तब शुरू हुईं जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से सीमा पार हमले करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पाकिस्तान का दावा है कि ये आतंकवादी अफगानिस्तान से सक्रिय हैं, जबकि काबुल ने इस दावे का खंडन किया। यह संघर्ष 2021 में तालिबान के काबुल कब्जे के बाद से सबसे गंभीर सीमा विवाद माना जा रहा है।
मध्यस्थता और अगली वार्ता
पिछले हफ्ते कतर और तुर्किए की मध्यस्थता में दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई थी। लेकिन व्यापार अभी भी ठप है। अगली दौर की वार्ता शुक्रवार, 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में होगी, जिसमें सीमा खोलने और व्यापार बहाल करने पर चर्चा होगी।