Edited By Rohini Oberoi,Updated: 25 Jun, 2025 10:46 AM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि ईरान पर किए गए हमले में उसके तीन परमाणु स्थलों को पूरी तरह सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया है। जहां ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक 57 सेकंड का वीडियो भी जारी किया...
इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि ईरान पर किए गए हमले में उसके तीन परमाणु स्थलों को पूरी तरह सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया है। जहां ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक 57 सेकंड का वीडियो भी जारी किया है। वहीं अमेरिकी खुफिया ने तबाही की अफवाहों को बेबुनियाद बताया है।
पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता सीन पार्नेल के अनुसार अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर सटीक चौदह 30,000 पाउंड (लगभग 13,607 किलोग्राम) के बम गिराए जिनकी कुल कीमत 420,000 पाउंड (लगभग 4 करोड़ 91 लाख रुपये) थी। हालांकि अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ट्रंप के इस दावे के उलट तस्वीर पेश कर रही है जिसमें बताया गया है कि ईरान की परमाणु क्षमता पूरी तरह से नष्ट नहीं हुई है बल्कि केवल कुछ महीनों के लिए धीमी हुई है।
ट्रंप ने साझा किया हमले का वीडियो
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक 57 सेकंड का वीडियो साझा किया है जिसमें अमेरिका के बी2 स्टील्थ बॉम्बर्स को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करते हुए दिखाया गया है।
नाटो शिखर सम्मेलन में शामिल होने से पहले ट्रंप ने ईरान और इजरायल दोनों द्वारा सीजफायर के उल्लंघन पर नाराजगी व्यक्त की। मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि सीजफायर के उल्लंघन को लेकर वह खासतौर पर इजरायल से निराश हैं।
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अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में क्या दावा किया गया?
प्रारंभिक अमेरिकी खुफिया आकलन के अनुसार अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों से ईरान के परमाणु हथियार बनाने की क्षमता पूरी तरह से नष्ट नहीं हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन हमलों ने केवल उसकी क्षमता को कुछ महीने पीछे धकेल दिया है।
ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान के परमाणु प्लांट पर 30 हज़ार पाउंड के बम गिराकर उसके परमाणु कार्यक्रम को 'ऑब्लिट्रेटेड' (पूरी तरह से पटरी से उतार) कर दिया गया है। हालाँकि खुफिया रिपोर्ट के अनुसार ईरान की अधिकांश परमाणु सुविधाएँ ज़मीन के नीचे थीं और बमों से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। केवल प्रवेश द्वार बंद हुए हैं जबकि प्लांट की मुख्य संरचनाएँ सुरक्षित हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि अमेरिका के हमले के बावजूद कुछ सेंट्रीफ्यूज अभी भी काम करने की स्थिति में हैं और ईरान का यूरेनियम भंडार भी खत्म नहीं हुआ है बल्कि सुरक्षित है।
व्हाइट हाउस ने इस खुफिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया है लेकिन संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने स्वीकार किया है कि हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल कमजोर हुआ है पूरी तरह से नष्ट नहीं।
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नेतन्याहू और ईरानी राष्ट्रपति दोनों ने किया जीत का दावा
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए दावा किया है कि ईरान के खिलाफ इज़रायल की ऐतिहासिक जीत हुई है। उन्होंने कहा, हमने ईरान के परमाणु हथियार बनाने के सपने को चकनाचूर कर दिया। नेतन्याहू ने ट्रंप की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि व्हाइट हाउस में ट्रंप जैसा दोस्त उन्हें पहले कभी नहीं मिला।
वहीं ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने भी इजरायल के खिलाफ युद्ध को महान जीत बताया है। उन्होंने कहा है कि सीजफायर के बाद अब अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार आएगा।
युद्ध से जान-माल का नुकसान और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर
ईरान ने दावा किया है कि इजरायल की ओर से किए गए हवाई हमले की वजह से 610 नागरिक मारे गए और 4,746 घायल हुए हैं। जबकि इजरायल ने दावा किया कि उनके 28 लोग मारे गए।
ईरान और इजरायल के बीच हुए सीजफायर की घोषणा से वैश्विक अर्थव्यवस्था को राहत मिली है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है वहीं वैश्विक शेयर बाजारों में उछाल देखा गया है।