Edited By Tanuja,Updated: 27 Nov, 2025 01:48 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान की पीएम साने ताकाइची को फोन कर ताइवान मुद्दे पर चीन के खिलाफ टकराव बढ़ाने से बचने की सलाह दी। ताकाइची के हालिया बयान से टोक्यो–बीजिंग तनाव बढ़ा था। ट्रंप ने कहा कि बयान का टोन हल्का रखें, क्योंकि वह चीन के...
Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान की पीएम साने ताकाइची को चीन के साथ बढ़ते तनाव पर बड़ा संदेश दिया है। ट्रंप ने फोन पर ताकाइची से कहा कि ताइवान को लेकर टकराव बढ़ाने से बचें, क्योंकि यह एशिया में नई अस्थिरता को जन्म दे सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची से फोन पर बातचीत की, जिसमें उन्होंने ताइवान को लेकर चीन के साथ बढ़ते तनाव को संभलकर हैंडल करने की सलाह दी। द वॉल स्ट्रीट जर्नल और क्योदो न्यूज के अनुसार, ट्रंप ने ताकाइची से कहा कि उनके बयान से पहले ही टोक्यो–बीजिंग रिश्तों में तनाव बढ़ चुका है, इसलिए उन्हें अधिक उग्र बयानबाजी से बचना चाहिए।
यह चर्चा उस समय हुई जब ताकाइची ने जापानी संसद में कहा था कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो यह “जापान के लिए अस्तित्व संकट” (survival-threatening situation) बन सकता है, जिसमें जापान की Self-Defense Forces को कार्रवाई करनी पड़ सकती है। चीन ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।सूत्रों के अनुसार, ट्रंप ने ताकाइची पर दबाव नहीं डाला, लेकिन सुझाव दिया कि वे अपने बयान का टोन थोड़ा हल्का करें, क्योंकि वे घरेलू राजनीति को देखते हुए इसे पूरी तरह वापस नहीं ले सकतीं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जापानी अधिकारियों ने ट्रंप की सलाह को इस संकेत के रूप में देखा कि वे नहीं चाहते कि ताइवान मुद्दा उनकी हालिया “चीन के साथ नरमी” (thaw) को खराब करे-विशेष रूप से उस समय जब चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों की खरीद बढ़ाने का वादा किया है।
ट्रंप ने मीडिया से कहा कि उनकी ताकाइची से “बहुत अच्छी बातचीत” हुई है और वे मानते हैं कि जापान और चीन “दोनों ठीक हैं।” उनकी यह कॉल ताइवान पर बयान के तुरंत बाद आई थी, और उससे कुछ ही पहले वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी बात कर चुके थे। ताकाइची ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि उन्होंने ट्रंप के साथ जापान-अमेरिका की मजबूत साझेदारी को दोहराया है, लेकिन यह नहीं बताया कि ताइवान पर उनके बयान का मुद्दा उठाया गया या नहीं। उधर, चीन लगातार दावा करता है कि ताइवान उसका ही हिस्सा है और “जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग” कर उसे एकीकृत किया जाएगा, और यह मामला पूरी तरह चीन का “आंतरिक मामला” है।