जिनपिंग का ताइवन पर बड़ा ऐलान-‘‘ग्रेट वॉल ऑफ स्टील'' बनाने का भी लिया संकल्प

Edited By Tanuja,Updated: 14 Mar, 2023 11:00 AM

xi jinping vows to turn china s military into great wall of steel

ताइवान को लेकर चीन का आक्रामक रुख तेज हो जा रहा है। इसी कारण तीन और अमेरिका में  भी तनाव बढ़ रहा है। बीते साल  अमेरिका की पूर्व स्पीकर...

बीजिंगः ताइवान को लेकर चीन का आक्रामक रुख तेज हो जा रहा है। इसी कारण तीन और अमेरिका में  भी तनाव बढ़ रहा है। बीते साल  अमेरिका की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान  दौरा से चीन बेहद नाराज हुआ था और चीन ने ताइवान की घेराबंदी करते हुए युद्धाभ्यास किया था। अब  चीन के राष्ट्रपति के रूप में अपने अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करते हुए  शी जिनपिंग ने ताइवान की आजादी के लिए हो रहे बदलावों का विरोध करने का बड़ा ऐलान किया  है। इसके अलावा सोमवार को  शी  ने चीनी सेना को ‘‘ग्रेट वॉल ऑफ स्टील'' (फौलादी दीवार) बनाने का संकल्प लिया। 

 

 
शी जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी की अहम बैठक के दौरान कहा कि ताइवान में आजादी को लेकर हो रहे बदलावों का हर हाल में विरोध करेंगे। हफ्ते भर चली इस बैठक की समाप्ति पर दिए अपने संबोधन में शी जिनपिंग ने ताइवान की आजादी के विरोध का ऐलान किया। नेशनल पीपल्स कांग्रेस की बैठक के दौरान ही शी जिनपिंग को तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति चुना गया है।शी जिनपिंग ने सोमवार को दिए अपने बयान में चीन को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और ताइवान के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने की बात भी कही। ‘‘ग्रेट वॉल ऑफ स्टील'' का संकल्प लेते हुए चीन ने हाल में सऊदी अरब और ईरान के बीच वार्ता की मेजबानी करके वैश्विक मामलों में और बड़ी भूमिका निभाने की मंशा का संकेत दिया है।

 

ईरान और सऊदी अरब सात साल के तनाव के बाद राजनयिक संबंध बहाल करने और दूतावासों को फिर से खोलने पर सहमत हो गए। पिछले सप्ताह बीजिंग में हुआ यह समझौता चीन के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि खाड़ी देशों का मानना है कि अमेरिका धीरे-धीरे मध्य पूर्व से पीछे हट रहा है।   शी ने दुनिया के सात अजूबों में शामिल ‘ग्रेट वॉल ऑफ चाइना' का जिक्र करते हुए कहा कि  देश की सेना राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा करने में सक्षम है।। चीन की 20,000 किलोमीटर से भी लंबी इस विशाल दीवार को चीन के विभिन्न शासकों द्वारा हमलावरों से रक्षा के लिए बनवाया गया था। शी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका और कुछ पड़ोसी देशों के साथ चीन के संबंध तनावपूर्ण हैं।

 

शी (69) को पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग की तरह ही पार्टी का ‘‘मुख्य नेता'' माना जाता है। लगभग 3,000 विधायकों की उपस्थिति वाले एनपीसी समापन समारोह में अपने भाषण में शी ने कहा कि सीपीसी जैसी बड़ी पार्टी के सामने आने वाली विशेष चुनौतियों से निपटने के लिए सतर्क और दृढ़ रहना महत्वपूर्ण है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ' की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने हमेशा आत्म-सुधार करते रहने, भ्रष्टाचार से दृढ़ता से लड़ने का साहस रखने के महत्व को रेखांकित किया। बता दें कि  चीन की संसद ने गत शुक्रवार को शी को अभूतपूर्व रूप से पांच साल का तीसरा कार्यकाल देने का सर्वसम्मति से समर्थन किया, जिससे उनके ताउम्र सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ हो गया है।

 

पिछले साल अक्टूबर में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की कांग्रेस की बैठक में 69 वर्षीय शी को फिर से CPC का नेता चुना गया था। इसी के साथ, शी CPC के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए पार्टी प्रमुख चुने वाले पहले चीनी नेता बन गए थे। चीन की संसद द्वारा राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल देने का सर्वसम्मति से समर्थन किए जाने के बाद पहली बार दिए भाषण में शी ने अपनी अगुवाई वाली CPC के नेतृत्व को कायम रखने का आह्वान किया।

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