पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बनने के नियम सुनकर रह जाएंगे दंग, जानिए चौंका देने वाली बातें

Edited By Updated: 08 Nov, 2025 03:04 PM

you will be stunned to hear the rules for becoming the prime ministe of pakistan

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बनने के लिए कुछ विशेष योग्यताएं तय की गई हैं। उम्मीदवार पाकिस्तान का नागरिक, मुसलमान और कम से कम 25 साल का होना चाहिए। उसे इस्लाम की शिक्षाओं का ज्ञान होना जरूरी है और अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। इसके अलावा...

नेशनल डेस्क : भारत और पाकिस्तान दोनों ही ब्रिटेन की संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली से प्रेरित हैं, लेकिन दोनों देशों में प्रधानमंत्री चुने जाने की प्रक्रिया में काफी अंतर है। भारत में जहां प्रधानमंत्री का चयन जनता के वोटों से चुने गए सांसदों द्वारा किया जाता है, वहीं पाकिस्तान में यह प्रक्रिया धार्मिक और संवैधानिक दोनों पहलुओं पर आधारित होती है।

पाकिस्तान में कैसे चुना जाता है प्रधानमंत्री?

पाकिस्तान में कुल 342 सीटें हैं, जिनमें से 272 सीटों पर जनता सीधे मतदान करके अपने प्रतिनिधि चुनती है। बाकी 70 सीटें अल्पसंख्यक वर्ग और महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं। चुने गए सभी सदस्य नेशनल असेंबली का हिस्सा बनते हैं। प्रधानमंत्री के चयन के समय, स्पीकर के आदेश पर असेंबली के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं ताकि कोई अंदर-बाहर न जा सके। इसके बाद उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होती है और सदस्य वोटिंग करके अपना नेता चुनते हैं। जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक वोट मिलते हैं, वह पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनता है।

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पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बनने की योग्यताएं

पाकिस्तान के संविधान के अनुसार -

  • उम्मीदवार पाकिस्तान का नागरिक होना चाहिए।
  • वह मुसलमान होना आवश्यक है।
  • उसकी उम्र कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए।
  • व्यक्ति इस्लाम की शिक्षाओं का ज्ञान रखता हो और उसके कर्तव्यों का पालन करता हो।
  • उसका चरित्र अच्छा होना चाहिए और वह किसी गंभीर अपराध में शामिल न हो।
  • इस्लामी मान्यताओं का उल्लंघन करने वाला या धार्मिक रूप से बदनाम व्यक्ति इस पद के लिए योग्य नहीं होता।

गौर करने वाली बात यह है कि पाकिस्तान के संविधान में शैक्षणिक योग्यता की कोई अनिवार्यता नहीं है। यानी, प्रधानमंत्री बनने के लिए किसी विशेष डिग्री या शिक्षा की जरूरत नहीं होती।

धार्मिक आधार पर ली जाती है शपथ

भारत में प्रधानमंत्री शपथ लेते समय संविधान को साक्षी मानते हैं, लेकिन पाकिस्तान में यह प्रक्रिया धार्मिक स्वरूप में होती है। प्रधानमंत्री कुरान-ए-पाक और अल्लाह को साक्षी मानकर शपथ लेते हैं। शपथ से पहले वे यह कहते हैं, 'मैं मुसलमान हूं', इसके बाद ही आगे की शपथ ली जाती है।

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