भारत बना घुसपैठियों का ठिकाना ! छः महीने में 3000 अवैध श्रीलंकाई घुसे, तमिलनाडु-कर्नाटक में बनाया बेस

Edited By Updated: 09 Mar, 2025 06:29 PM

3000 sri lankans illegally entered india in 6 months

भारतीय खुफिया एजेंसियों को श्रीलंका से हो रही अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी के पुख्ता सबूत मिले हैं। एनआईए और तमिलनाडु एटीएस की जांच में सामने आया है कि पिछले छह महीनों में...

International Desk: भारतीय खुफिया एजेंसियों को श्रीलंका से हो रही अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी के पुख्ता सबूत मिले हैं। एनआईए और तमिलनाडु एटीएस की जांच में सामने आया है कि पिछले छह महीनों में 3000 से ज्यादा श्रीलंकाई नागरिक अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके हैं । इन घुसपैठियों को दक्षिण भारत के  तमिलनाडु और कर्नाटक में बसाया जा रहा है। श्रीलंका से भारत आने के लिए  "डंकी रूट" का इस्तेमाल किया जा रहा है। जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ मामलों में भारत को ट्रांजिट पॉइंट बनाकर फर्जी पहचान के जरिए इन लोगों को कनाडा तक भेजा जा रहा है । इस नेटवर्क का सरगना श्रीलंका में  इमरान हज्जियार  नामक शख्स है, जबकि भारत में इसका संचालन मोहम्मद इब्राहिम कर रहा था, जिसे 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया है।  

 

 डंकी रूट: नाव से भारत और फिर... 

  •  श्रीलंका से मछुआरों की नावों के जरिए घुसपैठियों को तमिलनाडु के  थुथुकुड़ी (Tuticorin) के मंडपम  लाया जाता है।  
  •  यहां से उन्हें कुछ किलोमीटर दूर एक  गुप्त वेयरहाउस (holding area)  में रखा जाता है।  
  •  जब पर्याप्त संख्या में लोग इकट्ठा हो जाते हैं, तो उन्हें  20-20 के छोटे समूहों में ट्रकों और नावों से तमिलनाडु और कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में भेज दिया जाता है ।
  •  इनमें से ज्यादातर को बेंगलुरु और मैंगलोर में बसाया जा रहा है।  
  •   भारत में घुसपैठ के लिए 20 लाख रुपए  और कनाडा तक पहुंचाने के लिए 50 लाख रुपए  तक वसूले जाते हैं।  

 

मृतकों के आधार कार्ड का हो रहा इस्तेमाल  
चेन्नई एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए कुछ श्रीलंकाई नागरिकों के पास भारतीय नागरिकता से जुड़े फर्जी दस्तावेज पाए गए। जांच में सामने आया कि  मृत लोगों के आधार कार्ड को अपडेट कर उनकी फोटो बदल दी गई थी । कुछ मामलों में  नकली आधार कार्ड और वोटर आईडी तक तैयार कराई गई ।  

 

श्रीलंकाई नागरिकों को भारतीय बताने का खेला 
श्रीलंका कनाडा की वरीयता सूची में नहीं आता  इसलिए वहां के नागरिकों को कनाडा में शरण मिलना मुश्किल होता है। इसीलिए तस्कर इन्हें भारतीय नागरिकता दिलाकर फर्जी तरीके से कनाडा भेज रहे हैं। नकली दस्तावेजों की मदद से ये लोग **स्टडी वीजा या फर्जी वर्क परमिट लेकर कनाडा में प्रवेश कर रहे हैं।  एनआईए और तमिलनाडु एटीएस ने  तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन तेज कर दिया है । अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और आगे भी इस अवैध गतिविधि में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।

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