GST Council Meeting: टैक्स सिस्टम में होगा सबसे बड़ा बदलाव, आएगा GST 2.0

Edited By Updated: 03 Sep, 2025 07:00 PM

56th meeting of gst council biggest change will happen in the tax

GST काउंसिल की दो दिवसीय बैठक 3 सितंबर यानि आज से शुरू हो चुकी है। GST काउंसिल की 56वीं बैठक को GST व्यवस्था के इतिहास का सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इस बैठक में टैक्स स्लैब में कमी, छोटे व्यापारियों के लिए राहत, डिजिटल रिफॉर्म और उपभोक्ताओं के...

नेशनल डेस्क: GST काउंसिल की दो दिवसीय बैठक 3 सितंबर यानि आज से शुरू हो चुकी है। GST काउंसिल की 56वीं बैठक को GST व्यवस्था के इतिहास का सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इस बैठक में टैक्स स्लैब में कमी, छोटे व्यापारियों के लिए राहत, डिजिटल रिफॉर्म और उपभोक्ताओं के लिए कई फायदे जैसे बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इस बैठक को “GST 2.0” की आधारशिला माना जा रहा है।

बैठक क्यों है खास?
पिछली बैठकों की तुलना में यह बैठक व्यवस्थागत सुधारों की दिशा में निर्णायक साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर GST में सुधार की जरूरत को दोहराया था। इसके बाद यह बैठक राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टिकोण से अहम मानी जा रही है। उत्सव सीजन से पहले टैक्स प्रणाली को सरल और उपभोक्ता अनुकूल बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम हो सकता है।

प्रस्तावित बड़े बदलाव

1. द्वि-स्तरीय टैक्स स्ट्रक्चर:-

मौजूदा 5%, 12%, 18% और 28% स्लैब को घटाकर दो स्लैब बनाए जाएंगे:-

- 5% – आवश्यक वस्तुएं

- 18% – सामान्य दर

- 40% – लक्ज़री और "सिन गुड्स"

2. खाद्य और वस्त्र पर राहत:-

सभी खाद्य और वस्त्र उत्पादों को 5% स्लैब में लाने का प्रस्ताव, जिससे रोजमर्रा के खर्च कम हो सकते हैं।

3. बीमा प्रीमियम पर टैक्स में छूट:-

- जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर GST घटाने या पूरी तरह से माफ करने पर विचार।

4. सीमेंट और सेवाओं पर टैक्स कटौती:-

सीमेंट पर टैक्स 28% से घटाकर 18% करने का प्रस्ताव

ब्यूटी और सैलून सेवाओं पर टैक्स 18% से घटाकर 5%

5. GST 2.0 के लिए डिजिटल सुधार:-

प्री-फिल्ड GST रिटर्न

ऑटोमैटिक रिफंड सिस्टम

क्लासिफिकेशन के हित मानदंड

6. कंपनसेशन सेस का भविष्य:-

राज्यों को नुकसान की भरपाई के लिए शुरू हुआ यह सेस अब महामारी के कर्ज चुकाने में उपयोग हो रहा है। इसके भविष्य पर निर्णय होगा।

किन्हें क्या मिलेगा फायदा?

उपभोक्ताओं को:-

- खाने-पीने की चीजें, कपड़े और बीमा सस्ती हो सकती हैं

- निजी सेवाएं जैसे सैलून भी कम खर्चीली हो सकती हैं

व्यापारियों और MSMEs को:-

- टैक्स स्लैब में कमी से क्लासिफिकेशन विवाद घटेंगे

-डिजिटल सुधारों से फॉर्म भरने और रिफंड लेने की प्रक्रिया आसान होगी

- पूंजी प्रवाह बेहतर होगा

चुनौतियां और अड़चनें

- राजस्व नुकसान: राज्य सरकारें टैक्स में कटौती का विरोध कर सकती हैं

- फायदे का पास-थ्रू: टैक्स में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करना होगा

- तकनीकी तैयारी: GSTN को नई सुविधाओं के लिए तकनीकी रूप से तैयार रहना होगा

-राजनीतिक सहमति: सभी 31 सदस्य राज्यों की सहमति आवश्यक

त्योहार से पहले लागू हो सकते हैं सुधार
यदि काउंसिल में सहमति बनती है, तो दिवाली 2025 से पहले नए नियम लागू हो सकते हैं। इससे न केवल बाजार में मांग बढ़ेगी बल्कि देश में व्यापार के लिए माहौल और अनुकूल हो जाएगा।

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