Edited By Mahima,Updated: 19 Jul, 2024 09:54 AM

वैज्ञानिकों ने चांद पर एक गुफा होने का खुलासा किया है। उनके मुताबिक यह गुफा उस जगह से ज्यादा दूर नहीं है जहां 55 साल पहले पहली बार चंद्रमा पर लैंडिंग हुई थी। यह खोज कहीं न कहीं भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर रहने के लिए एक सुरक्षित जगह...
नेशनल डेस्क: वैज्ञानिकों ने चांद पर एक गुफा होने का खुलासा किया है। उनके मुताबिक यह गुफा उस जगह से ज्यादा दूर नहीं है जहां 55 साल पहले पहली बार चंद्रमा पर लैंडिंग हुई थी। यह खोज कहीं न कहीं भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर रहने के लिए एक सुरक्षित जगह देगी। यानी भविष्य में ये इंसानों का शेल्टर होम हो सकती है, जहां लोग जाकर रुक सकते हैं। नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में इसे लेकर एक रिपोर्ट भी पब्लिश हुई है। इस जगह को लूनर मेर के नाम से जाना जाता है।
करीब 80 मीटर लंबी है गुफा
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह गुफा उस जगह से लगभग 400 किलोमीटर दूर है जहां अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने 1969 में चंद्रमा पर लैंडिंग की थी। यह लगभग 45 मीटर चौड़ी और 80 मीटर तक लंबी है, ये 14 टेनिस कोर्ट के बराबर जगह को कवर करती है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि लगभग 50 साल से ज्यादा समय से चांद पर गुफाएं मौजूद हैं, लेकिन यह पहली बार है कि जब किसी गुफा के एंट्री प्वाइंट की पहचान की गई है।
लावा ट्यूब के ढहने से बनी गुफा
इस रिसर्च को लिखने वाले लियोनार्डो कैरर, लोरेंजो ब्रुजोन और उनके साथ कुछ और लोग भी हैं। इन्होंने नासा के लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर (एल.आर.ओ.) स्पेसक्राफ्ट द्वारा 2010 में ली गई तस्वीरों का विश्लेषण किया। इन तस्वीरों से चांद पर सबसे गहरे गड्ढे का पता चला है। उनका कहना है कि यह लावा ट्यूब के ढहने से बनी गुफा है। बता दें लावा ट्यूब सुरंगें हैं जो तब बनती हैं जब पिघला हुआ लावा ठंडे लावा के क्षेत्र के नीचे बहता है।
औसत तापमान लगभग 17 डिग्री सेल्सियस
चांद पर तापमान और सोलर रेडिएशन का असर धरती से ज्यादा होता है। दिन के दौरान, सतह लगभग 127 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो सकती है, और रात में यह तापमान लगभग -173 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। इसके अलावा चांद पर गुफाओं का औसत तापमान लगभग 17 डिग्री सेल्सियस है, जो इंसानों के रहने के लिए उन्हें सही बनाती हैं।