किसान बिल पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने विपक्ष को लिया आड़े हाथ, 'हाथी के दांत' से की कांग्रेस की तुलना

Edited By Updated: 24 Sep, 2020 05:53 PM

agriculture minister narendra tomar took a dig at the farmers bill

संसद में पारित कृषि सुधार विधेयकों पर कांग्रेस के विरोध की तुलना ‘‘हाथी के दांत'''' से करते हुए भाजपा ने बृहस्पतिवार को विपक्षी दल को चुनौती दी कि उसे इन विधेयकों के विरोध से पहले अपने घोषणापत्र से मुकरने की घोषणा करनी चाहिए। भाजपा मुख्यालय में...

नई दिल्लीः संसद में पारित कृषि सुधार विधेयकों पर कांग्रेस के विरोध की तुलना ‘‘हाथी के दांत'' से करते हुए भाजपा ने बृहस्पतिवार को विपक्षी दल को चुनौती दी कि उसे इन विधेयकों के विरोध से पहले अपने घोषणापत्र से मुकरने की घोषणा करनी चाहिए। भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया कि संसद में पारित कृषि सुधार विधेयकों में कोई भी प्रावधान ऐसा नहीं है जिससे किसानों का नुकसान होने वाला है। उन्होंने कहा, ‘‘जो कृषि सुधार के विधेयक हैं, ये किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले हैं। इनके माध्यम से किसानों को स्वतंत्रता मिलने वाली है। ये किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने में मददगार होंगे।''

कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद कृषि से संबंधित तीनों विधेयक आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को संसद से पारित कर दिया गया था। इन विधेयकों के पारित होने को ‘‘असंवैधानिक'' बताते हुए विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी और उनसे आग्रह किया था कि वह इन पर अपने हस्ताक्षर नहीं करें।

इन विधेयकों के विरोध पर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए तोमर ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के दांत खाने के और तथा दिखाने के और हैं। वह दोमुंही राजनीति कर रही है। वह देश में झूठ बोलने की राजनीति करती है। कांग्रेस किसानों को गुमराह करने का प्रयत्न कर रही है, इसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अगर इन विधेयकों का विरोध कर रही है तो उसे पहले अपने घोषणा पत्र से मुकरने की घोषणा करनी चाहिए, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिये अपने घोषणा पत्र में उसने कहा था कि एपीएमसी (कृषि उत्पाद विपणन समितियां) कानून को बदलेंगे, किसान के व्यापार पर कोई कर नहीं होगा और अंतरराज्यीय व्यापार को बढ़ावा देंगे। यही चीज संसद से पारित विधेयकों में है।''

तोमर ने दावा किया कि मुख्यमंत्रियों की उच्चाधिकार समिति की बैठक में कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि आवश्यक वस्तु अधिनियम अपने उद्देश्य को प्राप्त कर चुका है, उसे अब तत्काल समाप्त कर देना चाहिए। तोमर ने देशभर के किसानों को भरोसा दिलाया कि मोदी सरकार खेती और किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है और पहले ही दिन से उसने किसानों के लिए काम करना प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने कहा कि संसद में चर्चा के दौरान विपक्ष के किसी भी सदस्य ने विधेयकों के किसी प्रावधान का विरोध नहीं किया बल्कि उनका भाषण उन सब बातों पर केंद्रित रहा जो विधेयक में नहीं थे और विधेयक से संबंध नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘इससे ये सिद्ध होता है कि विधेयक में जो प्रावधान हैं वो किसान हितैषी हैं। इन विधेयकों के माध्यम से किसान नई प्रौद्योगिकी से भी जुड़ेगा। इसके कारण किसान अपनी उपज का सही मूल्य बुआई से पूर्व भी प्राप्त कर सकेगा''

 

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