'गगनयान’ मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री तैयार, इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा- हम सफलता के लिए दिन-रात कर रहे काम

Edited By Updated: 03 Dec, 2023 06:05 AM

astronauts ready for gaganyaan mission isro chief

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शनिवार को यहां कहा कि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान मिशन ‘गगनयान' के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री तैयार हैं और 2025 का इंतजार कर रहे हैं। ‘गगनयान' कार्यक्रम का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय...

गांधीनगरः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शनिवार को यहां कहा कि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान मिशन ‘गगनयान' के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री तैयार हैं और 2025 का इंतजार कर रहे हैं। ‘गगनयान' कार्यक्रम का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। सोमनाथ ने कहा कि इसरो इस मिशन को संभव बनाने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘पहले मिशन के लिए हमने उनमें से चार को चुना है, और हमारा प्रयास है कि उन्हें 2025 तक अंतरिक्ष में भेज दिया जाए और फिर सुरक्षित वापस लाया जाए। उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर लाना इस मिशन का महत्वपूर्ण उद्देश्य है।'' 

सोमनाथ ने पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय (पीडीईयू) के 11वें दीक्षांत समारोह में स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इसे संभव बनाने के लिए आने वाले दिनों में बहुत सारी तकनीक विकसित करने की जरूरत है। और इसरो में हम इसे साकार करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इसके लिए कई तकनीकों को नए सिरे से विकसित और सफल बनाया गया है। 

उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में हम मानव रहित कई मिशन देखेंगे और फिर अंतत: भारतीय को अंतरिक्ष में भेजेंगे। अंतरिक्ष यात्री पहले से ही तैयार हैं।'' उन्होंने कहा कि इसरो एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने पर भी विचार कर रहा है, जो वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति तथा उद्योगों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए जरूरी है। ‘चंद्रयान-3' के बारे में बात करते हुए सोमनाथ ने कहा कि भारत के पास अब इस श्रेणी की ‘‘उच्च प्रौद्योगिकी'' परियोजनाओं को पूरा करने का आत्मविश्वास है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग वाला पहला देश बन गए, और हम चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गए।'' इसरो ने गत 23 अगस्त को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम' और रोवर ‘प्रज्ञान' से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग' कराने में सफलता हासिल की थी।

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