Edited By Tanuja,Updated: 05 Jul, 2025 05:13 PM

एक ओर भारत आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है, तो दूसरी ओर मुस्लिम देश अजरबैजान ने भारत के कट्टर विरोधी पाकिस्तान के साथ एक बड़ी आर्थिक डील कर ली...
International Desk: एक ओर भारत आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है, तो दूसरी ओर मुस्लिम देश अजरबैजान ने भारत के कट्टर विरोधी पाकिस्तान के साथ एक बड़ी आर्थिक डील कर ली है। यह समझौता 2 बिलियन डॉलर यानी करीब 17,000 करोड़ रुपए का है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था को सहारा देना और दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करना है। जब भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटा रहा है, तभी मुस्लिम देश अजरबैजान ने भारत के कट्टर विरोधी पाकिस्तान को 2 बिलियन डॉलर (करीब ₹17,000 करोड़) की मदद देकर चौंका दिया है। डील का एक वीडियो सामने आया है जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के रिएक्शन का खूब मजाक उड़ाया जा रहा है।
#Pakistan #Azerbaijan @DPM_PK @MIshaqDar50
signs agreement with Economic Min M Jabrov of
Azerbaijan's USD 2 billion investment in Pakistan
آذربائیجان کی جانب سے پاکستان میں 2 ارب ڈالر کی سرمایہ کاری کے معاہدے پر دستخط#Shushakhankendi@asadmk17@PakinAzerbaijan @k_farhadov pic.twitter.com/5Z1aZyBpur
— Shaukat Piracha (@ShaukatPiracha1) July 4, 2025
यह डील ECO (Economic Cooperation Organization) समिट के दौरान हुई है और इसे भारत के लिए कूटनीतिक चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। यह समझौता अजरबैजान के शहर खंकेंदी में हुआ, जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव की मुलाकात के बाद इस निवेश योजना पर मुहर लगी। पाक की ओर से उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री इशाक डार ने जबकि अजरबैजान की ओर से अर्थव्यवस्था मंत्री मिकाइल जब्बारोव ने हस्ताक्षर किए।बैठक में दोनों राष्ट्राध्यक्ष भी मौजूद रहे। इस डील का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था को उबारना और दोनों देशों के बीच निवेश व व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।
सूत्रों के अनुसार, जब भारत ने पहल्गाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाया था और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, तब भी अजरबैजान पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा। यह भारत के लिए कूटनीतिक स्तर पर एक गंभीर चिंता का विषय है। भारत के अलावा, अजरबैजान के रूस से भी रिश्तों में खटास आ चुकी है।दिसंबर 2024 में रूस ने गलती से अजरबैजानी एयरलाइन का विमान मार गिराया था। हादसे में 38 लोगों की मौत हुई थी, तब से रूस-अजरबैजान संबंधों में तनाव बना हुआ है। इस डील के बाद सामरिक विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान को आर्थिक ताकत मिलेगी।भारत-विरोधी इस्लामिक गठबंधन मज़बूत हो सकता है। भारत की काकेशस क्षेत्र में स्थिति कमजोर हो सकती है । अजरबैजान का झुकाव पाकिस्तान और तुर्की जैसे देशों की तरफ़ बढ़ रहा है।