Edited By Rohini Oberoi,Updated: 28 Dec, 2025 02:25 PM

शादी के बाद जिम्मेदारियां तो बढ़ती ही हैं लेकिन अगर सही वित्तीय योजना बनाई जाए तो आप सरकारी नियमों का फायदा उठाकर अपनी गाढ़ी कमाई बचा सकते हैं। अगर आपकी पत्नी या पति आगे पढ़ाई करना चाहते हैं और आप उसके लिए एजुकेशन लोन (Education Loan) लेने की सोच रहे...
Education Loan for Spouse : शादी के बाद जिम्मेदारियां तो बढ़ती ही हैं लेकिन अगर सही वित्तीय योजना बनाई जाए तो आप सरकारी नियमों का फायदा उठाकर अपनी गाढ़ी कमाई बचा सकते हैं। अगर आपकी पत्नी या पति आगे पढ़ाई करना चाहते हैं और आप उसके लिए एजुकेशन लोन (Education Loan) लेने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके बहुत काम की है। आयकर नियमों के अनुसार अपने जीवनसाथी की उच्च शिक्षा के लिए लिया गया कर्ज न केवल उनके सपनों को पंख देता है बल्कि आपकी जेब पर पड़ने वाले टैक्स के बोझ को भी कम करता है।
टैक्स में छूट: धारा 80E का बड़ा फायदा
आयकर अधिनियम की धारा 80E के तहत यदि कोई व्यक्ति अपने जीवनसाथी (Spouse) या बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए लोन लेता है तो वह उसके ब्याज पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है। आप जिस वर्ष से लोन का ब्याज चुकाना शुरू करते हैं उस वर्ष से लेकर अगले 8 वर्षों तक या जब तक पूरा ब्याज चुकता न हो जाए (जो भी पहले हो), तब तक आप टैक्स कटौती का लाभ ले सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि धारा 80C की तरह इसमें 1.5 लाख की कोई सीमा नहीं है। आप जितना भी ब्याज चुकाते हैं उस पूरी राशि पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है।

सरकारी बैंकों से लोन लेने के फायदे
विशेषज्ञों की सलाह है कि एजुकेशन लोन हमेशा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थानों से ही लेना चाहिए। इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
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कम ब्याज दरें: निजी संस्थानों के मुकाबले सरकारी बैंकों में ब्याज दरें अक्सर कम और स्थिर होती हैं।
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महिलाओं के लिए विशेष छूट: यदि आप अपनी पत्नी के नाम पर लोन लेते हैं तो कई बैंक महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में 0.50% तक की अतिरिक्त छूट देते हैं।
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पारदर्शिता: सरकारी बैंकों के नियम स्पष्ट होते हैं और हिडन चार्जेस (छिपे हुए शुल्क) का खतरा कम रहता है।

लोन लेने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
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उच्च शिक्षा (Higher Education): यह लाभ केवल 12वीं कक्षा के बाद की पढ़ाई (जैसे ग्रेजुएशन, पोस्ट-ग्रेजुएशन या डिप्लोमा) के लिए ही मिलता है।
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दस्तावेजों की जांच: बैंक अधिकारी से मिलकर पुनर्भुगतान की शर्तों और टैक्स सर्टिफिकेट के बारे में पहले ही जानकारी जुटा लें।
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सिबिल स्कोर: लोन आवेदन के समय दोनों पार्टनर्स का सिबिल स्कोर अच्छा होना चाहिए ताकि लोन जल्द स्वीकृत हो सके।