Edited By Tanuja,Updated: 25 Dec, 2025 05:48 PM

बांग्लादेश के चट्टोग्राम क्षेत्र में हिंदू परिवारों के घर जलाने की घटनाओं के बाद पुलिस ने आरोपियों की जानकारी देने पर इनाम की घोषणा की है। लगातार हो रही भीड़ हिंसा, लिंचिंग और आगजनी ने अंतरिम सरकार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
International Desk: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने एक बार फिर देश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चट्टोग्राम के राउजान इलाके में हिंदू परिवार के घर को आग के हवाले करने के मामले में पुलिस ने आरोपियों की जानकारी देने पर इनाम घोषित किया है। चट्टोग्राम रेंज के पुलिस प्रमुख अहसान हबीब ने बुधवार रात पीड़ित परिवार के घर का दौरा करते हुए इनाम की घोषणा की, हालांकि राशि का खुलासा नहीं किया गया। पीटीआई के अनुसार, कतर में काम करने वाले सुख शिल और अनिल शिल के घर को अज्ञात लोगों ने आग लगा दी थी। परिवार ने बताया कि आग लगने के समय घर के दरवाजे बाहर से बंद थे। आठ सदस्य किसी तरह टिन की चादर और बांस काटकर जान बचाने में सफल रहे।
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स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते पांच दिनों में राउजान क्षेत्र में सात हिंदू परिवारों के घर जलाए जा चुके हैं। पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और विशेष सुरक्षा दल तैनात किया गया है। यह घटनाएं ऐसे समय हो रही हैं जब बांग्लादेश पहले से ही भीड़ हिंसा की चपेट में है। हाल ही में मयमनसिंह में 28 वर्षीय हिंदू फैक्ट्री कर्मचारी दीपु चंद्र दास की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। मानवाधिकार संगठन ‘आइन ओ सालिश केंद्र’ के अनुसार, 2025 में अब तक 184 लोग भीड़ हिंसा में मारे जा चुके हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। न्यूयॉर्क टाइम्स और द गार्जियन जैसे वैश्विक मीडिया ने भी शेख हसीना सरकार के पतन के बाद पैदा हुए “राजनीतिक शून्य” को हिंसा की बड़ी वजह बताया है।