Edited By Tanuja,Updated: 05 Nov, 2025 07:14 PM

भारत के गंभीर वायु प्रदूषण संकट से निपटने के लिए चीन ने मदद की पेशकश की है। बीजिंग ने कहा कि वह अपने प्रदूषण नियंत्रण अनुभव भारत के साथ साझा करेगा। चीन ने 2013 में 100 अरब डॉलर के अभियान से स्मॉग पर काबू पाया था। वहीं, दिल्ली में AQI 228 दर्ज हुआ जो...
Bejing: चीन ने भारत, खासकर दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बढ़ते वायु प्रदूषण संकट से निपटने में मदद करने की पेशकश की है। बीजिंग स्थित चीनी दूतावास ने कहा कि वह भारत के साथ अपने सफल प्रदूषण नियंत्रण अनुभव साझा करने को तैयार है, जिसके तहत चीन ने बीजिंग और शंघाई जैसे शहरों में धुएं और स्मॉग पर काबू पाया। चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा-“चीन भी कभी गंभीर स्मॉग से जूझ चुका है। हमने साफ नीले आसमान की ओर अपनी यात्रा साझा करने का निर्णय लिया है और विश्वास है कि भारत भी जल्द उस मुकाम तक पहुंचेगा।”
चीन ने 2013 में ‘वॉर ऑन पॉल्यूशन’ (प्रदूषण के खिलाफ युद्ध) की घोषणा की थी और करीब 100 अरब डॉलर के बहुवर्षीय अभियान के तहत कारखानों पर सख्ती, पुराने वाहनों पर प्रतिबंध, और कोयले से गैस ऊर्जा की ओर संक्रमण जैसे बड़े कदम उठाए। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस अभियान के बाद बीजिंग में हर साल 100 से अधिक साफ आसमान वाले दिन बढ़ गए हैं। चीन ने ‘ग्रेट ग्रीन वॉल’ जैसे विशाल वनीकरण अभियान चलाए, जिसके तहत 12 प्रांतों में 35 अरब से अधिक पेड़ लगाए गए।
Earth.org की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का वन क्षेत्र में निवेश अमेरिका और यूरोप से अधिक है वैश्विक औसत से तीन गुना ज्यादा। इस बीच, दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बुधवार सुबह थोड़ा सुधार दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार सुबह 9 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 228 रहा, जो अभी भी ‘खराब श्रेणी’ में आता है। 4 नवंबर शाम 4 बजे यह आंकड़ा 291 था। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए भारत को दीर्घकालिक हरित नीतियों और ऊर्जा संक्रमण रणनीतियों को अपनाने की आवश्यकता है जैसे चीन ने किया।
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में AQI इस प्रकार दर्ज किया गया:
- आनंद विहार: 279
- लोधी रोड: 213
- आईटीओ: 274
- आरके पुरम: 223
- जहांगीरपुरी: 235
- चांदनी चौक: 228
- सिरीफोर्ट: 263