क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार ली? PM मोदी के संबोधन के बाद कांग्रेस ने उठाए सवाल

Edited By Pardeep,Updated: 13 May, 2025 06:04 AM

congress raised questions after pm modi s address

कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर चुप रहे और ऐसे में क्या भारत ने अमेरिका की "मध्यस्थता" स्वीकार कर ली है तथा पाकिस्तान के साथ किसी तटस्थ स्थल पर...

नई दिल्लीः कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर चुप रहे और ऐसे में क्या भारत ने अमेरिका की "मध्यस्थता" स्वीकार कर ली है तथा पाकिस्तान के साथ किसी तटस्थ स्थल पर वार्ता के लिए सहमत हो गया है। 

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह मांग फिर दोहराई कि प्रधानमंत्री को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। प्रधानमंत्री के संबोधन से कुछ देर पहले ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार बंद करने की चेतावनी जिसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष रुका। 


रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री का लंबे समय से टलता आ रहा राष्ट्र के नाम संबोधन राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ मिनट पहले किए गए खुलासों से पूरी तरह दब गया। प्रधानमंत्री ने उन पर एक शब्द भी नहीं कहा।'' उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? क्या भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता के लिए किसी तटस्थ स्थल पर सहमत हो गया है? क्या अब भारत अमेरिका की इन मांगों को मान लेगा कि वह ऑटोमोबाइल, कृषि और अन्य क्षेत्रों में अपने बाज़ार खोल दे?'' 

रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को तुरंत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करनी चाहिए, जो उन्होंने पिछले बीस दिनों में टाला है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में पुरजोर कूटनीति और सामूहिक संकल्प दोनों की आवश्यकता होगी तथा ‘‘वन-लाइनर्स और डायलॉगबाजी'' खराब विकल्प हैं। रमेश ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हम अपने सशस्त्र बलों की खुले दिल से सराहना और सलाम करते हैं। उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है। हम हर समय 100 प्रतिशत उनके साथ हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को अभी भी बहुत कुछ जवाब देना है।'' 

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से कुछ देर पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का एक वक्तव्य आया जो बहुत व्यथित करने वाला है। इस वक्त अपने सभी भारतीय नागरिकों को चौंका दिया है।" उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, "भारत की संस्कृति में कभी सिंदूर के साथ सौदा संभव नहीं है। ट्रंप ने कहा कि व्यापार को हथियार बनाकर उन्होंने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रुकवाया।" 

खेड़ा ने कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में राष्ट्रपति ट्रंप के वक्तव्य का करारा और त्वरित जवाब देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उनके अनुसार, " ट्रंप ने रविवार को कहा था कि वह कश्मीर मामले में मध्यस्थता करेंगे जो किसी भी भारतवासी को स्वीकार नहीं हो सकता। उनके इस टिप्पणी पर भी सरकार ने कोई आधिकारिक चुनौती नहीं दी और प्रधानमंत्री ने भी कोई उत्तर नहीं दिया।" कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए और संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। 

‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को पाकिस्तान के साथ सिर्फ उसके कब्जे वाले कश्मीर और आतंकवाद पर बातचीत होगी। मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद और वार्ता की साथ नहीं चल सकते तथा पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने यह भी कहा कि आज हर आतंकवादी और आतंकवादी संगठन यह जान गया है कि ‘‘हमारी मां-बेटियों के माथे से सिंदूर मिटाने का क्या अंजाम होता है।'' 

 

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