Edited By Parminder Kaur,Updated: 16 Feb, 2025 03:51 PM

मुद्राओं का महत्व समय के साथ कभी कम नहीं हुआ, हालांकि दौर बदलने के साथ मुद्राएं बदलती गईं। इंदौर, मध्य प्रदेश में हाल ही में 'मुद्रा महोत्सव-2025' की शुरुआत हुई, जिसमें पुरानी और ऐतिहासिक मुद्राओं की प्रदर्शनी लगाई गई। सिक्का संग्राहक गिरीश शास्त्री...
नेशनल डेस्क. मुद्राओं का महत्व समय के साथ कभी कम नहीं हुआ, हालांकि दौर बदलने के साथ मुद्राएं बदलती गईं। इंदौर, मध्य प्रदेश में हाल ही में 'मुद्रा महोत्सव-2025' की शुरुआत हुई, जिसमें पुरानी और ऐतिहासिक मुद्राओं की प्रदर्शनी लगाई गई। सिक्का संग्राहक गिरीश शास्त्री ने बताया कि इस प्रदर्शनी में 6वीं से 5वीं शताब्दी के बीच के सिक्के भी शामिल हैं, जिनकी कीमत लाखों रुपए है। प्रदर्शित सिक्कों से यह पता चलता है कि मौर्य, गुप्त, मुगल साम्राज्य और ब्रिटिश काल में किन-किन तरह की मुद्राएं प्रचलित थीं।
कैसे पहचानें और सहेजें सिक्के
सिक्कों का कलेक्शन करना उतना ही कठिन होता है, जितना कि उनकी सही देखभाल। इन सिक्कों पर वैक्स और खास रासायनिक पदार्थ लगाकर उनकी चमक बनाए रखी जाती है। सिक्कों की पहचान उनकी बनावट से होती है, क्योंकि ज्यादातर सिक्के हाथ से या मशीन से बनाए जाते हैं। इनके डिजाइन से भी इनकी पहचान की जा सकती है।
कुछ महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक सिक्के:
400 साल पुराना मोहम्मद शाह का सिक्का: करपा मिंट का यह सिक्का दक्षिण भारत में काफी प्रसिद्ध था। इसका मौजूदा मूल्य 1.20 लाख रुपए है।
जार्ज पंचम किंग का सिक्का: जार्ज पंचम किंग ने 1920 में तांबे और चांदी से बना 8 आने का सिक्का जारी किया था। यह सिक्का केवल तीन साल तक जारी हुआ था, जिससे यह दुर्लभ हो गया।
भगवान बुद्ध के पिता के समय का सिक्का: यह सिक्का 6वीं से 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व के बीच शाक्य जनपद में जारी किया गया था।
जहांगीर और अज़ीम-उश-शान का सिक्का: नागपुर के सिक्का संग्राहक अविनाश टी रामटेके के पास मुगल सम्राट जहांगीर का दुर्लभ सिक्का भी मौजूद है।