Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 Jun, 2025 06:00 PM

कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों हलचल मची हुई है। कांग्रेस सरकार के भीतर एक नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें ज़ोर पकड़ रही हैं। इस चर्चा को और हवा मिली जब कांग्रेस विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन ने रविवार, 29 जून 2025 को दावा किया कि डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार...
नेशनल डेस्क: कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों हलचल मची हुई है। कांग्रेस सरकार के भीतर एक नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें ज़ोर पकड़ रही हैं। इस चर्चा को और हवा मिली जब कांग्रेस के दिग्गज नेता विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन ने रविवार, 29 जून 2025 को दावा किया कि डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को अगले दो से तीन महीनों के भीतर मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिल सकता है। विधायक हुसैन का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना पहले ही सितंबर के बाद राजनीतिक बदलाव के संकेत दे चुके हैं। इसके बाद एक बार फिर यह चर्चा तेज़ हो गई है कि क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की कुर्सी अब डगमगा रही है।
डीके शिवकुमार को बताया असली रणनीतिकार
विधायक इकबाल हुसैन ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस की 2023 की ऐतिहासिक जीत में डीके शिवकुमार की रणनीति और मेहनत का बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने साफ़ कहा, “हर कोई जानता है कि इस जीत को हासिल करने के लिए किसने संघर्ष किया और किसने पसीना बहाया। उनकी रणनीति अब इतिहास बन चुकी है।” हुसैन ने आगे कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि पार्टी हाईकमान हालात को समझ रहा है और समय आने पर डीके शिवकुमार को अवसर देगा। जब उनसे यह सीधा सवाल किया गया कि क्या शिवकुमार इस साल मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो उन्होंने बेझिझक जवाब दिया,
"हां, दो से तीन महीनों के भीतर निर्णय हो जाएगा।"
सिद्धारमैया के बेटे ने अटकलें बताया अफवाह
जहां एक ओर डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की बातें चल रही हैं, वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और कांग्रेस एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने इन सभी अटकलों को खारिज करते हुए उन्हें महज “कयास” बताया। इस पर जवाब देते हुए इकबाल हुसैन ने कहा कि 2023 में सरकार बनाने का फैसला पार्टी हाईकमान ने दिल्ली में बैठकर किया था और सभी नेता उस वक्त वहां मौजूद थे।
"सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने तब भी निर्णय लिया था और वही अगला फैसला भी करेंगे।"
कांग्रेस में सत्ता का एक ही केंद्र – हाईकमान
पार्टी के भीतर सत्ता के कई केंद्रों की बातों पर भी इकबाल हुसैन ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, "कांग्रेस में केवल एक ही सत्ता केंद्र है और वह है पार्टी हाईकमान। यहां अनुशासन और प्रतिबद्धता का पालन किया जाता है।" उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की ताकत सिर्फ एक नेता से नहीं है, बल्कि कई समुदायों के लोगों ने पार्टी के लिए बलिदान दिया है, लड़ाई लड़ी है और मेहनत की है।
राज्य में संभावित नेतृत्व परिवर्तन पर बोलते हुए हुसैन ने कहा, “आज की स्थिति में बदलाव की उम्मीद है और यह बदलाव होगा। लेकिन इसे क्रांति कहना ठीक नहीं है।” यानी साफ है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर एक शांति और अनुशासन के साथ नेतृत्व में बदलाव की तैयारी हो सकती है, जो कि अंदरखाने काफी समय से चर्चा में है।