Edited By Mehak,Updated: 30 Oct, 2025 01:22 PM

चीन की मुद्रा रॅन्मिन्बी (Renminbi), जिसे आमतौर पर युआन (Yuan) कहा जाता है, दुनिया की पांचवीं सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी है। इसका संचालन पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना करता है। भारत में 1 युआन की कीमत लगभग 12.46 रुपये है। चीन की मजबूत...
नेशनल डेस्क : चीन एशिया का सबसे बड़ा देश और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यहां की मुद्रा को रॅन्मिन्बी (Renminbi) कहा जाता है, जिसका मतलब है 'जनता की मुद्रा'। इसे आम बोलचाल में युआन (Yuan) कहा जाता है। जैसे भारत की करेंसी का प्रतीक ₹ और कोड INR है, वैसे ही चीन की मुद्रा का प्रतीक ¥ और कोड CNY है।
1 युआन = 12.46 रुपये
वाइस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1 युआन की कीमत करीब 12 रुपये 46 पैसे है। यानी अगर कोई भारतीय चीन में जाकर 1 लाख युआन कमाता है, तो भारत लौटने पर यह रकम करीब 12 लाख 45 हजार रुपये के बराबर होती है।
कौन चलाता है चीन की करेंसी?
चीन की मुद्रा का संचालन पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (People’s Bank of China) करता है। यह वही संस्था है जो रॅन्मिन्बी को जारी करती है और देश की मौद्रिक नीतियां तय करती है। ठीक वैसे ही जैसे भारत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मुद्रा की नीतियों का संचालन करता है। आज रॅन्मिन्बी दुनिया की पांचवीं सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी बन चुकी है। चीन के तेजी से बढ़ते अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश ने इसे वैश्विक स्तर पर और मजबूत बनाया है।
युआन इतनी मजबूत क्यों है?
किसी भी मुद्रा की ताकत सिर्फ उसकी डॉलर के मुकाबले कीमत से नहीं, बल्कि उस देश की आर्थिक स्थिरता, व्यापार और विदेशी निवेश से तय होती है। पिछले दो दशकों में चीन की अर्थव्यवस्था ने जबरदस्त विकास किया है। सरकार की कड़ी आर्थिक नीतियां, कम महंगाई और विशाल विदेशी मुद्रा भंडार ने युआन को स्थिर और मजबूत करेंसी बना दिया है। चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा फॉरेक्स रिजर्व (Foreign Exchange Reserve) है, जिससे उसकी मुद्रा पर किसी भी आर्थिक झटके का असर कम पड़ता है। साथ ही, चीन के बढ़ते निर्यात (Export) से वैश्विक बाजार में युआन की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे उसकी वैल्यू और मजबूत होती जा रही है।
भारत और चीन की करेंसी में फर्क
भारत की अर्थव्यवस्था अभी विकासशील दौर में है, जबकि चीन ने औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्र में भारी प्रगति की है। इसका सीधा असर उसकी करेंसी पर भी देखा जा सकता है। भारत की तुलना में चीन में महंगाई दर कम और उत्पादन क्षमता अधिक है। यही वजह है कि युआन की क्रय शक्ति (Purchasing Power) रुपये से ज्यादा है। कुल मिलाकर, चीन की करेंसी रॅन्मिन्बी या युआन आज वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूती की पहचान बन चुकी है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और स्थिर नीतियों के चलते यह आने वाले समय में और भी प्रभावशाली मुद्रा बन सकती है।