Edited By Parminder Kaur,Updated: 16 May, 2025 03:34 PM

तुर्किये से सेब का आयात बंद होने पर हिमाचल के सेब उत्पादकों को फायदा होगा। हर साल तुर्किये से भारत में एक लाख टन से ज़्यादा सेब आता है, जिससे बाज़ार में मुकाबला बढ़ता है और हिमाचल के सेब के दाम गिर जाते हैं। अगर भारत सरकार तुर्किये से सेब के आयात पर...
नेशनल डेस्क. तुर्किये से सेब का आयात बंद होने पर हिमाचल के सेब उत्पादकों को फायदा होगा। हर साल तुर्किये से भारत में एक लाख टन से ज़्यादा सेब आता है, जिससे बाज़ार में मुकाबला बढ़ता है और हिमाचल के सेब के दाम गिर जाते हैं। अगर भारत सरकार तुर्किये से सेब के आयात पर रोक लगाती है, तो हिमाचल के सेब के लिए बाज़ार में प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी और बागवानों को उनके सेब के अच्छे दाम मिलेंगे।
तुर्किये के सेब का सबसे ज़्यादा असर हिमाचल के अच्छी क्वालिटी वाले सेब पर पड़ता है। तुर्किये और कुछ दूसरे देश साफ्ता (दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र) के तहत आते हैं। इसलिए इन देशों से आने वाले सेब पर कोई आयात शुल्क नहीं लगता। इस वजह से इन देशों का सेब भारत के बाज़ार में सस्ते दामों पर पहुँच जाता है और हिमाचल के सेब को उनसे मुकाबला करना पड़ता है, जिससे उन्हें कम कीमत मिलती है। साल 2023-24 में भारत ने तुर्किये से 821 करोड़ रुपये के सेब का आयात किया था।
पिछले कुछ सालों में तुर्किये से भारत में सेब का आयात लगातार बढ़ा है, जैसा कि नीचे दिए गए आंकड़ों से पता चलता है:
2015-16: 205 टन
2016-17: 3,636 टन
2017-18: 7,430 टन
2018-19: 16,028 टन
2019-20: 32,290 टन
2020-21: 43,674 टन
2021-22: 93,901 टन
2022-23: 1,07,220 टन
2023-24: 1,17,663 टन
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि तुर्किये से आने वाले सेब का असर साधारण क्वालिटी के सेब पर पड़ता है। हालांकि, हिमाचल में भी अच्छी क्वालिटी का सेब होता है, लेकिन लोगों की विदेशी चीज़ें खरीदने की आदत के कारण हिमाचल के सेब पर ध्यान नहीं दिया जाता, जिससे बागवानों को नुकसान होता है। इस वजह से हिमाचल के प्रीमियम सेब पर ज़्यादा असर पड़ता है।
हिमाचल प्रदेश में सेब का कारोबार 5 हज़ार करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। प्रदेश के 8 जिलों में सेब की पैदावार होती है, जिसमें से 65-70 प्रतिशत उत्पादन शिमला जिले में होता है। इसके अलावा कुल्लू, किन्नौर और मंडी जिलों में भी अच्छा उत्पादन होता है। बाहरी देशों से सेब आयात होने के कारण हिमाचल के सेब को कम दाम मिल रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान पाकिस्तान की मदद करने के बाद से ही हिमाचल के बागवान तुर्किये से सेब का आयात बंद करने की मांग कर रहे हैं। इस बारे में हिमाचल के बागवानी संगठनों ने केंद्र सरकार को लगातार पत्र लिखकर तुर्किये से सेब का आयात रोकने की मांग की है। हाल ही में हिमालयन सेब उत्पादक सोसायटी ने भी इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।