‘सीमा पर अमन और शांति के बिना रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते’, चीन से संबंधों पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

Edited By Yaspal,Updated: 08 Jun, 2023 05:54 PM

foreign minister s jaishankar said on relations with china

बीजिंग को स्पष्ट संदेश देते हुए भारत ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं होने तक चीन के साथ संबंधों के सामान्य होने की बात को निराधार करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन और शांति होने पर ही चीन के साथ संबंधों...

नई दिल्लीः बीजिंग को स्पष्ट संदेश देते हुए भारत ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं होने तक चीन के साथ संबंधों के सामान्य होने की बात को निराधार करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन और शांति होने पर ही चीन के साथ संबंधों में प्रगति हो सकती है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सैनिकों की ‘अग्रिम मोर्चे' पर तैनाती को मुख्य समस्या करार दिया।

केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल के नौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर जयशंकर ने कहा, ‘‘ भारत भी चीन के साथ संबंधों को बेहतर बनाना चाहता है लेकिन यह केवल तभी संभव है तब सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन और शांति हो।'' उन्होंने चीन को पूरी तरह से स्पष्ट किया कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन और शांति नहीं होगी, तब तक दोनों देशों के संबंध आगे नहीं बढ़ सकते। जयशंकर ने उत्तरी सीमा की स्थिति और चीन की ‘बेल्ट एंड रोड' पहल के खिलाफ देश के रुख का हवाला देते हुए कहा कि भारत किसी दबाव, लालच और गलत विमर्श से प्रभावित नहीं होता।

बता दें कि ‘बेल्ट एंड रोड' पहल चीन द्वारा प्रायोजित एक योजना है जिसमें पुराने सिल्क रोड के आधार पर एशिया, अफ्रीका और यूरोप के देशों में आधारभूत सम्पर्क ढांचे का विकास किये जाने की योजना है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के कुछ क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षो से अधिक समय से तनातनी है। हालांकि दोनों देशों के बीच अनेक दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बाद कुछ क्षेत्रों से दोनों पक्ष पीछे हटे हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को अपने सैनिकों को पीछे हटाने के रास्ते तलाशने होंगे और वर्तमान गतिरोध चीन के हित में भी नहीं है। इस संबंध में सवालों के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘ वास्तविकता यह है कि संबंध प्रभावित हुए हैं और यह प्रभावित होते रहेंगे.... अगर कोई ऐसी उम्मीद रखता है कि सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं होने के बावजूद हम किसी प्रकार (संबंध) सामान्य बना लेंगे तो ये उचित उम्मीद नहीं है।''

यह पूछे जाने पर कि क्या मई 2020 के सीमा विवाद के बाद चीन ने भारत के क्षेत्र पर कब्जा किया है, जयशंकर ने कहा कि समस्या सैनिकों की अग्रिम मोर्चे पर तैनाती है। जून 2020 में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध ठीक नहीं है और इसके कारण दशकों में पहली बार दोनों पक्षों के बीच गंभीर सैन्य संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

जयशंकर ने कहा, ‘‘ हम चीन के साथ संबंधों को बेहतर बनाना चाहते हैं। लेकिन यह तभी संभव है तब सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन और शांति हो और अगर कोई समझौता है तो उसका पालन किया जाए।'' उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष विवाद के समाधान के लिए बातचीत कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ ऐसा नहीं है कि संवाद टूट गया है। बात यह है कि चीन के साथ गलवान की घटना से पहले भी हम बात कर रहे थे और उनसे कह रहे थे कि हम आपके सैनिकों की गतिविधियों को देख रहे हैं जो हमारे विचार से उल्लंघनकारी हैं।

गलवान की घटना के बाद की सुबह मैंने अपने चीनी समकक्ष के साथ बातचीत की।'' उन्होंने कहा कि इसके बाद से दोनों पक्ष कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से बातचीत कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ पीछे हटना एक व्यापक प्रक्रिया है।'' उन्होंने कहा कि इसकी बारीकियों पर इससे जुड़े लोग काम कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के चीन के अलावा सभी प्रमुख देशों एवं महत्वपूर्ण समूहों के साथ संबंध आगे की ओर बढ़ रहे हैं।

यह पूछे जाने पर ऐसा क्यों, जयशंकर ने कहा, ‘‘ इसका जवाब केवल चीन दे सकता है। क्योंकि चीन ने कुछ कारणों से वर्ष 2020 में समझौते को तोड़ने और सैनिकों को सीमावर्ती क्षेत्रों में आगे बढ़ाने का मार्ग चुना । विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ यह उनको पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन, शांति स्थापित नहीं होगी, हमारे संबंध आगे नहीं बढ़ सकते। यही बाधा है जो हमें रोक रही है।''

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!