कैसे बनता है परमाणु बम? किन-किन चीजों की पड़ती है जरूरत और क्यों किया जाता है इसका इस्तेमाल

Edited By Updated: 06 Oct, 2025 03:42 PM

how is an atomic bomb made what are the components needed and why is it used

परमाणु बम एक ऐसा हथियार है जो नाभिकीय प्रतिक्रियाओं से भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ता है, जिससे विशाल धमाका और रेडियोधर्मी विकिरण फैलता है। इसे बनाने के लिए यूरेनियम-233 या प्लूटोनियम-239 जैसे तत्वों की जरूरत होती है। देश इसे अपनी सुरक्षा और शक्ति के...

नेशनल डेस्क : जब हम 'परमाणु हथियार' शब्द सुनते हैं, तो हमारे दिमाग में एक भयानक और विनाशकारी तस्वीर उभर आती है। भले ही इतिहास में इसका इस्तेमाल केवल एक-दो बार हुआ हो, लेकिन इन हथियारों की मौजूदगी ही अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सुरक्षा में एक बड़ी ताकत बन चुकी है। आइए जानते हैं कि परमाणु बम क्या है, यह कैसे काम करता है और इसके इस्तेमाल के पीछे क्या वजहें होती हैं।

परमाणु बम कैसे काम करता है?

परमाणु बम एक ऐसा हथियार है जो नाभिकीय प्रतिक्रियाओं से अत्यधिक ऊर्जा छोड़ता है। यह ऊर्जा अचानक और अत्यधिक मात्रा में रिलीज होती है, जिससे बड़ा धमाका, तेज गर्मी और रेडियोधर्मी प्रभाव पैदा होता है।

वैज्ञानिक दृष्टि से परमाणु बम दो प्रकार के होते हैं:

1. फिशन (विखंडन) बम – इसमें यूरेनियम या प्लूटोनियम के नाभिक फूटते हैं और ऊर्जा निकलती है।

2. फ्यूजन (संलयन) बम – इसमें हाइड्रोजन जैसे हल्के तत्वों के नाभिक मिलकर ऊर्जा छोड़ते हैं।

आम तौर पर यूरेनियम-233 और प्लूटोनियम-239 जैसे इजोटोप्स से ही भारी ऊर्जा मिलती है, जो बम के विस्फोट का मुख्य स्रोत होती है।

परमाणु बम का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

किसी भी देश के लिए परमाणु हथियार सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं हैं, बल्कि यह राजनीतिक और सामरिक ताकत का भी प्रतीक है। कई देशों ने इसे सुरक्षा, क्षेत्रीय सामरिक संतुलन और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के लिए अपनाया है। वहीं, इन हथियारों के विनाशकारी प्रभाव को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनके प्रसार को रोकने की कोशिशें भी होती रही हैं। इस दिशा में NPT (नॉन‑प्रोलिफेरेशन ट्रीटी), IAEA और अन्य द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय समझौते काम कर रहे हैं।इनका उद्देश्य नाभिकीय तकनीक को केवल शांतिपूर्ण कार्यों जैसे बिजली उत्पादन, चिकित्सा और शोध तक सीमित रखना है।

परमाणु हथियारों के प्रभाव

परमाणु हथियार केवल विस्फोट तक ही सीमित नहीं रहते। इसके दीर्घकालिक प्रभाव भी बहुत गंभीर होते हैं। इसमें शामिल हैं:

  • रेडियोधर्मिता से स्वास्थ्य संबंधी नुकसान, जैसे कैंसर और भ्रूण विकास पर प्रभाव।
  • कृषि और भूमि का प्रदूषित होना।
  • सामाजिक और आर्थिक विनाश।

इतना ही नहीं, प्रभावित क्षेत्र दशकों तक इन प्रभावों से उबर नहीं पाता। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन हथियारों के नियंत्रण और निरस्त्रीकरण पर जोर देता है।


 

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