Edited By Mehak,Updated: 26 Jul, 2025 04:24 PM

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि साल 2024 में 2,06,378 भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी। यह संख्या पिछले साल यानी 2023 से थोड़ी कम है, लेकिन फिर भी 2021, 2020 और 2019 की तुलना में ज्यादा है। राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्य मंत्री...
नेशनल डेस्क : विदेश मंत्रालय ने बताया है कि साल 2024 में 2,06,378 भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी। यह संख्या पिछले साल यानी 2023 से थोड़ी कम है, लेकिन फिर भी 2021, 2020 और 2019 की तुलना में ज्यादा है। राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने ये आंकड़े साझा किए।
पिछले कुछ वर्षों में नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या इस तरह रही –
2024: 2,06,378
2023: 2,16,219
2022: 2,25,620
2021: 1,63,370
2020: 85,256
2019: 1,44,017
इन आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 के बाद से नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में कोई सीधी रफ्तार से बढ़ोतरी नहीं हुई। 2022 और 2023 की तुलना में 2024 का आंकड़ा थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी 2021 और उससे पहले के वर्षों से अधिक है। सरकार से यह भी पूछा गया कि क्या उसे भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों की बढ़ती संख्या की जानकारी है। मंत्रालय ने बताया कि हर साल नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या अलग-अलग होती है और इसमें कोई निश्चित पैटर्न नहीं दिखता।
नागरिकता छोड़ने की प्रक्रिया
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी भारतीय जब नागरिकता छोड़ना चाहता है तो इसके लिए तय प्रक्रिया अपनानी पड़ती है।
- आवेदक को पहले नागरिकता त्यागने की घोषणा करनी होती है।
- इसके बाद उसके मूल पासपोर्ट और अन्य दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है।
- फिर इन दस्तावेजों को संबंधित सरकारी विभागों को भेजा जाता है और वे 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देते हैं।
- जब सभी विवरण सही पाए जाते हैं, तो पावती मिलने के 30 दिन बाद नागरिकता त्याग प्रमाण पत्र ऑनलाइन स्वीकृत कर दिया जाता है।
यानी पूरी प्रक्रिया में करीब एक महीने का समय लगता है और इसके बाद व्यक्ति को आधिकारिक रूप से भारतीय नागरिकता छोड़ने का प्रमाण मिल जाता है। इस तरह 2024 में भले ही नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या थोड़ी कम रही हो, लेकिन यह अभी भी एक बड़ा आंकड़ा है और 2021 से पहले की तुलना में काफी ज्यादा है।