Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Jun, 2023 01:04 PM
शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कर्नाटक में बजरंग बली से मदद नहीं मिली, इसलिए अब वह औरंगजेब और टीपू सुल्तान जैसी ऐतिहासिक हस्तियों से जुड़े मुद्दों को उठा रही है।
नेशनल डेस्क: शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कर्नाटक में बजरंग बली से मदद नहीं मिली, इसलिए अब वह औरंगजेब और टीपू सुल्तान जैसी ऐतिहासिक हस्तियों से जुड़े मुद्दों को उठा रही है। उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यसभा सदस्य राउत ने महाराष्ट्र में सांप्रदायिक हिंसा की हालिया घटनाओं के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।
भाजपा को अब औरंगजेब की जरूरत है
उन्होंने कहा, "(मुगल बादशाह) औरंगज़ेब का मकबरा महाराष्ट्र में है। औरंगज़ेब को यहां दफनाया गया... छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में दफन किया गया।''उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा को अपनी राजनीति के लिए औरंगजेब की जरूरत है। राउत ने कहा, ‘‘बजरंग बली ने कर्नाटक में उनकी मदद नहीं की... उसके बाद उन्होंने औरंगजेब, टीपू सुल्तान, बहादुर शाह जफर, अफजल खान का मुद्दा उठाया। आप (भाजपा) उन्हें चर्चा में ला रहे हैं क्योंकि आपको उनकी जरूरत है। क्योंकि आपका हिंदुत्व इन खानों पर निर्भर है।''
औरंगजेब के ये वंशज कहां से आए
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा टीपू सुल्तान की तस्वीर के साथ कथित तौर पर आपत्तिजनक ऑडियो संदेश को सोशल मीडिया ‘स्टेटस' के रूप में लगाने के विरोध में दक्षिणपंथी संगठनों ने बुधवार को प्रदर्शन किया। राउत ने कहा, "(उपमुख्यमंत्री देवेंद्र) फडणवीस सवाल करते हैं कि औरंगजेब के ये वंशज कहां से आए... यह आपकी (भाजपा) वजह से हुआ है।" उन्होंने कहा कि कोल्हापुर में हुई घटनाओं में शामिल ज्यादातर लोग शहर के बाहर के थे।
लागू करने के लिए एक जल्लाद की जरूरत है
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर राउत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को "जल्लाद" की भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने पहले ही इसे (शिंदे सरकार को) मौत की सजा सुना दी है। अब, इसे लागू करने के लिए एक जल्लाद की जरूरत है। यह मुद्दा वापस महाराष्ट्र विधानसभा में आ गया है। अब अध्यक्ष को (याचिकाओं पर फैसला कर) जल्लाद की भूमिका निभानी है।'' इस बीच, कार्यक्रम में कम उपस्थिति को लेकर राउत ने अपनी पार्टी के स्थानीय नेताओं को फटकार लगाई।