'बंटेंगे तो कटेंगे' UP और झारखंड में चलता होगा, महाराष्ट्र में नहीं चलेगा : अजित पवार

Edited By Updated: 10 Nov, 2024 10:30 AM

if we divide we will be cut  up and jharkhand maharashtra ajit pawar

उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ का बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे' इन दिनों न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि अन्य राज्य जैसे महाराष्ट्र में भी चर्चा का विषय बन गया है। इस बयान पर अलग-अलग नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कुछ नेता इसे समर्थन दे रहे हैं,...

महाराष्ट्र : उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ का बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे' इन दिनों न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि अन्य राज्य जैसे महाराष्ट्र में भी चर्चा का विषय बन गया है। इस बयान पर अलग-अलग नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कुछ नेता इसे समर्थन दे रहे हैं, जबकि कुछ इसके विरोध में हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार लगातार इस बयान का विरोध कर रहे हैं।

महाराष्ट्र में NCP का विरोध
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और ऐसे में अजित पवार ने योगी आदित्यनाथ के बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे' का विरोध किया है। उन्होंने कहा, "मैं इस बयान का समर्थन नहीं करता। महाराष्ट्र में ये बातें नहीं चलतीं। यह उत्तर प्रदेश, झारखंड या किसी और राज्य में हो सकता है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा नहीं होता।" अजित पवार ने 'बंटेंगे तो कटेंगे' के जवाब में महाराष्ट्र में 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति को सही बताया। उनका मानना है कि महाराष्ट्र की राजनीति में अलग-अलग विचारधाराओं का सम्मान करना चाहिए और यहां किसी को भी बांटने की बातें नहीं करनी चाहिए।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं। इस चुनाव से पहले कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल जाति आधारित जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर सियासी बातें कर रहे हैं। कांग्रेस ने वादा किया है कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो आरक्षण को 50 प्रतिशत से ज्यादा किया जाएगा। जाति आधारित राजनीति पर PM मोदी और योगी आदित्यनाथ ने बार-बार निशाना साधा है।

PM मोदी और योगी आदित्यनाथ का एकजुटता का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे' और 'बंटेंगे तो कटेंगे' जैसे नारे दिए हैं, जो इस समय महाराष्ट्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन नारे का मकसद लोगों को एकजुट रहने और सामूहिक विकास की दिशा में काम करने का संदेश देना है।

अजित पवार का विरोध जारी
अजित पवार ने एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि महाराष्ट्र में बाहरी लोगों को यह तय नहीं करना चाहिए कि क्या बोलना है। उनका कहना था, "हम महायुति में एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग हैं। ऐसे बयान दूसरे राज्यों में ठीक हो सकते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में ये काम नहीं करते।"

शिवसेना नेता संजय निरूपम का समर्थन
वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय निरूपम ने योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन करते हुए कहा, "योगी आदित्यनाथ का संदेश साफ है कि अगर आप बिखरते हैं, तो कमजोर हो जाते हैं, लेकिन अगर आप एकजुट रहते हैं तो मजबूत रहते हैं।" उन्होंने कहा कि अजित पवार को यह समझने में वक्त लग सकता है, लेकिन अंत में उन्हें यह समझ आ जाएगा। संजय निरूपम ने कहा कि 'बंटेंगे तो कटेंगे' जैसे बयान सही हैं और इसे समझने में कुछ लोगों को समय लग सकता है।

योगी आदित्यनाथ का 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाला बयान फिलहाल महाराष्ट्र में विवाद का कारण बना हुआ है। एनसीपी प्रमुख अजित पवार इसे समर्थन नहीं दे रहे हैं, जबकि शिवसेना और बीजेपी के अन्य नेता इसे सही मान रहे हैं। चुनावी माहौल में यह बयान और भी ज्यादा अहमियत रखता है क्योंकि महाराष्ट्र के चुनावी परिदृश्य में एकजुटता और विभाजन के मुद्दे प्रमुख हैं।

 

 

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