Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 Apr, 2025 10:58 AM

पहलगाम में हुए आतंकी हमले से देशभर में गुस्सा और दुख का माहौल है। ऐसे में ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि इस आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की आत्मा की शांति के लिए देशभर की...
नेशनल डेस्क: पहलगाम में हुए आतंकी हमले से देशभर में गुस्सा और दुख का माहौल है। ऐसे में ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि इस आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की आत्मा की शांति के लिए देशभर की मस्जिदों में हर रोज अगले 7 दिन तक विशेष दुआ की जाएगी। इमाम इलियासी ने कहा कि शुक्रवार यानी जुमे की नमाज के दिन आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और नफरत की शिकस्त देने के लिए मस्जिदों से एक खास संदेश दिया जाएगा। इसका मकसद है कि आम मुसलमान आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करें और आतंकी सोच का बहिष्कार करें।
आतंकी का न जनाजा, न कब्र!
सबसे कड़ा बयान तब आया जब इमाम इलियासी ने साफ कहा, "आतंकी की कोई नमाज-ए-जनाजा न पढ़ी जाए और न उसे कब्र के लिए जगह मिले।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। आतंकी इंसान नहीं, बल्कि शैतान होता है और शैतान की मौत पर किसी इंसानी रिवाज की जरूरत नहीं है।
मुस्लिम समाज को दिया संदेश
डॉ. इलियासी ने पूरे मुस्लिम समाज से अपील की कि धर्म की आड़ में आतंक को कभी समर्थन न दें। उन्होंने कहा, "जो लोग मजहब के नाम पर मासूमों की जान लेते हैं, वो इस्लाम की तालीमों के खिलाफ हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि इस्लाम अमन का मजहब है, और जो नफरत फैलाए वो कभी मुसलमान नहीं हो सकता।
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर #TerrorismHasNoReligion और #PrayersForVictims जैसे ट्रेंड चल रहे हैं। कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने उनके इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह आतंकवाद और इस्लाम को अलग करने की एक जरूरी कोशिश है।