Edited By Tanuja,Updated: 05 Mar, 2023 11:31 AM

सऊदी अरब के शोधकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक सलमान-अल-अंसारी ने कहा कि भारत की स्वतंत्र विदेश नीति बहुत शानदार व सशक्त है। वह हमेशा...
दुबईः सऊदी अरब के शोधकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक सलमान-अल-अंसारी ने कहा कि भारत की स्वतंत्र विदेश नीति बहुत शानदार व सशक्त है। वह हमेशा इस बात की प्रशंसकरहे हैं कि कैसे नई दिल्ली अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखता है। उन्होंने कहा कि अपनी विदेश नीति को आकार देने की बात आने पर भारत पश्चिमी या पूर्वी शक्तियों के दबाव में नहीं आता। अंसारी ने भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षी संबंधों के विकास पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं। यह कुछ सौ वर्षों नहीं बल्कि दो हजार साल पुराने हैं।
सलमान-अल-अंसारी ने एक साक्षात्कार में कहा कि मैं भारत की विदेश नीति के बदले स्वरूप के संबंध में उसकी सबसे अधिक सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि यह तथ्य है कि पश्चिमी या पूर्वी देश जो चाहते हैं उसका भारत पालन नहीं करता है। अंसारी ने कहा सऊदी अरब के साम्राज्य ने हमेशा इस नीति को प्रोत्साहित किया है क्योंकि हम संप्रभुता में विश्वास करते हैं और उसका पालन करते हैं जैसा कि कोई अन्य स्वतंत्र देश करता है। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर विश्लेषक ने कहा कि रियाद और दिल्ली दोनों ही अपने को समताकारी मानते हैं।
सलमान-अल-अंसारी ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण एक विनाशकारी कदम था। इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया के अधिकांश देश इस कदम और सऊदी अरब के खिलाफ थे, और भारत ने इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है। लेकिन साथ ही, हम ऐसी स्थिति में नहीं रहना चाहते हैं जहां हम किसी एक का पक्ष लें। सलमान ने कहा कि इस समय, कोई भी देश जंग बढ़ाना नहीं चाहता। सभी संघर्षरत पक्षों को वार्ता की मेज पर लाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सऊदी अरब और भारत, जिसे पूरी दुनिया में महाशक्ति माना जाता है, के लिए भी सहायक और महत्वपूर्ण है।