Edited By Tanuja,Updated: 25 Oct, 2025 06:02 PM

ढाका में अमेरिकी अधिकारी टेरेंस जैक्सन की रहस्यमय मौत को लेकर रिपोर्ट में दावा किया गया कि उन्हें पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए तैनात किया गया था। भारत और रूस की खुफिया एजेंसियों ने कथित हत्या की साजिश को नाकाम किया। नवभारत टाइम्स इसकी पुष्टि...
International Desk: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अमेरिकी अधिकारी टेरेंस अर्वेल जैक्सन की रहस्यमय मौत ने दक्षिण एशिया की खुफिया दुनिया में हलचल मचा दी है। ऑर्गनाइजर की एक रिपोर्ट में shoking दावा किया गया है कि जैक्सन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए तैनात किया गया था, लेकिन भारत और रूस की खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई ने कथित हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया।
ये भी पढ़ेंः- ट्रंप का फैसला अमेरिका पर पड़ रहा भारी ! दम तोड़ रही देश की इकॉनमी, छोटे कारोबारियों की हालत सबसे खराब
रिपोर्ट के अनुसार, जैक्सन को सतही तौर पर बांग्लादेश में सेंट मार्टिन द्वीप पर सेना प्रशिक्षण के लिए तैनात दिखाया गया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उसका असली मिशन भारत के भीतर और खासकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ गुप्त कार्रवाई करना था। जैक्सन की मौत उसी दिन हुई जब पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में चीन के तियानजिन में थे। सम्मेलन के बाद, मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कार में 45 मिनट तक गुप्त बातचीत की। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस दौरान हाई-प्रोफाइल एजेंडा और दक्षिण एशिया में चल रही खुफिया गतिविधियों पर चर्चा हुई।
ये भी पढ़ेंः- फिर जंग की आहट ! भारत के ऐलान से छूटे पाकिस्तान के पसीने, आर्मी चीफ मुनीर ने घबराहट में जारी किया NOTAM
ऑर्गनाइजर ने पीएम मोदी के भाषण का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने 2 सितंबर को नई दिल्ली में सेमीकॉन शिखर सम्मेलन में कहा"क्या आप इसलिए ताली बजा रहे हैं क्योंकि मैं चीन गया था या इसलिए बजा रहे हैं क्योंकि मैं वापस आया हूं?" विश्लेषकों के अनुसार, यह संकेत उनके जीवन को संभावित खतरे के बारे में था। रिपोर्ट में CIA की सक्रियता और भारत विरोधी संभावित प्रयासों पर भी संदेह जताया गया है। पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में अमेरिकी खुफिया गतिविधियों की चर्चा हो रही है।