Edited By Parveen Kumar,Updated: 04 Jun, 2025 07:47 PM

भारत में अब सिर्फ बड़े शहर ही नहीं, बल्कि छोटे शहर और कस्बे भी ऑनलाइन ऑर्डर करने में तेजी से आगे आ रहे हैं। इसी वजह से देश का क्विक कॉमर्स बाजार (यानि सामान की तेजी से डिलीवरी करने वाला ऑनलाइन व्यापार) 2030 तक 57 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
नेशनल डेस्क: भारत में अब सिर्फ बड़े शहर ही नहीं, बल्कि छोटे शहर और कस्बे भी ऑनलाइन ऑर्डर करने में तेजी से आगे आ रहे हैं। इसी वजह से देश का क्विक कॉमर्स बाजार (यानि सामान की तेजी से डिलीवरी करने वाला ऑनलाइन व्यापार) 2030 तक 57 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में सामने आई है, जिसे मॉर्गन स्टेनली नाम की एक मशहूर अंतरराष्ट्रीय फर्म ने जारी किया है। पहले इस बाजार का अनुमान 42 बिलियन डॉलर लगाया गया था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 57 बिलियन डॉलर कर दिया गया है क्योंकि पूरे देश में क्विक कॉमर्स को तेजी से अपनाया जा रहा है।
क्विक कॉमर्स क्या है?
क्विक कॉमर्स यानी ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जो 10 से 30 मिनट में सामान, खासकर ग्रॉसरी और जरूरत का सामान, आपके घर तक पहुंचाते हैं। इसमें ज़ेप्पटो, ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट जैसे नाम शामिल हैं।
छोटे शहरों में डिमांड बढ़ रही है
रिपोर्ट के मुताबिक, छोटे शहरों में लोग अब तेजी से ऑनलाइन ऑर्डर करना पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि क्विक कॉमर्स का बाजार सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गया है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि भारत में वित्त वर्ष 2026 से 2028 के बीच क्विक कॉमर्स का कारोबार पहले की तुलना में 9 से 11 प्रतिशत अधिक तेजी से बढ़ेगा।
इटरनल (पहले Zomato) की भूमिका अहम
रिपोर्ट में बताया गया है कि इटरनल, जो पहले जोमैटो के नाम से जानी जाती थी, अब क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रही है। कंपनी का यह नया बिज़नेस मुनाफा कमाने की दिशा में है और इसकी ग्रोथ इसके फूड डिलीवरी बिज़नेस की तरह ही मजबूत दिखाई दे रही है। इटरनल की स्थिति दोनों क्षेत्रों- खाद्य वितरण और क्विक कॉमर्स- में मजबूत है, जिससे वह इस बढ़ते हुए बाजार में लाभ कमाने की अच्छी स्थिति में है।
निवेशकों की भी है खास रुचि
KPMG वेंचर पल्स की रिपोर्ट बताती है कि क्विक कॉमर्स, 2024 में भी भारत में निवेश का एक आकर्षक सेक्टर बना हुआ है। 2023 में जहां वैश्विक निवेश 43,320 सौदों में $349.4 बिलियन था, वहीं 2024 में यह 35,684 सौदों में $368.3 बिलियन हो गया। यानी सौदे थोड़े कम हुए, लेकिन निवेश की रकम और बढ़ गई।
क्यों बढ़ रहा है यह सेक्टर?
- क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स पारंपरिक दुकानों और बड़े स्टोर की तुलना में 2 से 3 गुना तेजी से बढ़ रहे हैं।
- अब इन सेवाओं के लिए बड़े गोदाम या भारी नेटवर्क की जरूरत नहीं है।
- लोग डिजिटल पेमेंट का तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 45% इंटरनेट यूजर अब ऑनलाइन पेमेंट को अपना रहे हैं।