Edited By Tanuja,Updated: 20 Nov, 2025 12:10 PM

भूपेंद्र यादव ने सीओपी30 के दौरान चीन और क्यूबा से जलवायु सहयोग, LMDC समन्वय और सौर परियोजनाओं पर चर्चा की। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला से उनकी विशेष मुलाकात में जीवाश्म ईंधन पर संभावित खाके को लेकर बात हुई। सम्मेलन में 190 देशों के बीच ऊर्जा संक्रमण...
International Desk: संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन COP30 में भारत की कूटनीतिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ी हुई हैं। जलवायु परिवर्तन, जीवाश्म ईंधन नीति, और विकासशील देशों के समन्वय को लेकर भारत केंद्र में दिखाई दे रहा है। इसी क्रम में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने चीन, क्यूबा और ब्राज़ील के शीर्ष नेतृत्व के साथ अहम बैठकों की श्रृंखला की। 80 से अधिक देश पहले ही जीवाश्म ईंधन चरणबद्ध समाप्ति के लिए रूपरेखा मांग चुके हैं, जिसके चलते यह मुद्दा सम्मेलन के बीच चर्चा का केंद्र बन गया है। COP30 में 190 से अधिक देश भाग ले रहे हैं, और यह कार्यक्रम 10 से 21 नवंबर तक अमेज़न के शहर बेलेम में हो रहा है।
चीन और क्यूबा के साथ बैठकें
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने चीन के विशेष दूत लियू झेनमिन से मुलाकात की और एलएमडीसी (समान सोच वाले विकासशील देश) के समन्वय पर चर्चा की। यादव ने बताया कि बातचीत का फोकस पेरिस समझौते के प्रभावी अनुपालन पर था।यादव ने क्यूबा के पर्यावरण मंत्री सी. अरमांडो रोड्रिगेज बतिस्ता से भी मुलाकात की, जहां सौर ऊर्जा और नवीकरणीय परियोजनाओं पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। क्यूबा पहले ही सीडीआरआई और आईएसए से जुड़ चुका है, और भारत वहां सौर परियोजनाओं को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है।
ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला से मुलाकात
सीओपी30 के दौरान ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने भूपेंद्र यादव के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। करीब 20 मिनट चली इस बैठक में सबसे अहम मुद्दा जीवाश्म ईंधन के भविष्य को लेकर संभावित वैश्विक खाका था। सूत्रों के अनुसार, लूला इस विषय को सीओपी30 का अनौपचारिक लेकिन प्रमुख एजेंडा बनाना चाहते हैं, और एलएमडीसी देशों से समर्थन जुटा रहे हैं।