Jharkhand: विपक्ष के 18 विधायक सस्पेंड, मार्शल ने निकाला बाहर... रातभर चादर बिछाकर फर्श पर सोये

Edited By Yaspal,Updated: 01 Aug, 2024 06:37 PM

jharkhand 18 opposition mlas suspended marshalls threw them out

झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 18 विधायकों को दो अगस्त दोपहर दो बजे तक के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया तथा सदन से जाने से इनकार करने के बाद उन्हें मार्शलों की मदद से बाहर निकाला गया

रांचीः झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 18 विधायकों को दो अगस्त दोपहर दो बजे तक के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया तथा सदन से जाने से इनकार करने के बाद उन्हें मार्शलों की मदद से बाहर निकाला गया। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने एक दिन पहले मार्शलों द्वारा विपक्षी विधायकों को बाहर निकाले जाने के विरोध में सदन में हंगामा करने के बाद भाजपा सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की। ये विपक्षी विधायक बुधवार को रोजगार समेत विभिन्न मुद्दों पर उनके प्रश्नों का जवाब देने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इनकार के खिलाफ आसन के समक्ष प्रदर्शन कर रहे थे।

झारखंड के 24 साल के इतिहास में एक काला दिन
महतो ने कहा कि उन्हें भाजपा के 18 विधायकों को निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि उन्होंने गुंडागर्दी की और सदन की मर्यादा का उल्लंघन किया। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भाजपा विधायकों ने पुरुष और महिला मार्शलों से दुर्व्यवहार किया और सदन के भीतर से सोशल मीडिया मंच पर वीडियो अपलोड कर नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा विधायकों के आचरण से बहुत दुखी हूं। यह झारखंड के 24 साल के इतिहास में एक काला दिन है।''

विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने आरोप लगाया कि झारखंड में तानाशाही है क्योंकि भाजपा विधायकों ने सदन में बम नहीं फेंके जैसा कि 1929 में दिल्ली विधानसभा में क्रांतिकारियों ने किया था, बल्कि उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसक मार्ग का अनुसरण किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार के कहने पर भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है।

फर्श पर चादर बिछाकर सोये विधायक
विपक्षी दल भाजपा और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) पार्टी के विधायकों को मार्शल ने देर रात सदन से बाहर निकाल दिया था। उन्होंने अपराह्न करीब तीन बजे सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी आसन के समीप से हटने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्हें सदन से निकालकर परिसर में लाया गया। कई भाजपा विधायक बुधवार रात को विधानसभा इमारत के प्रवेश द्वार के समीप परिसर के फर्श पर चादर बिछाकर और कंबल ओढ़कर सोए। सदन की कार्यवाही बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे फिर शुरू हुई।

भाजपा विधायक सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले आसन के समीप आ गए और उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस्तीफा मांगते हुए नारे लगाए। उन्हें आसन के समक्ष कुछ दस्तावेजों को फाड़ते हुए भी देखा गया। सत्र शुरू होने से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को बहस करते हुए भी देखा गया। हंगामा जारी रहने पर महतो ने 18 भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया। जब उन्होंने निलंबित होने के बाद भी सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया तो अध्यक्ष ने मार्शलों को बुलाया जिन्होंने विपक्षी सदस्यों को बाहर निकाला।

अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा की आचार समिति मामले की जांच करेगी और एक सप्ताह के भीतर उन्हें एक रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। भाजपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा कि अध्यक्ष ने राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सरकार के इशारे पर लोकतंत्र की ‘‘हत्या'' कर दी। विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने दावा किया कि गुरूवार की कार्रवाई दिखाती है कि राज्य सरकार एक तानाशाह बन गई है।

हम बापू के अहिंसा के मार्ग पर चले
बाउरी ने कहा, ‘‘हम सरकार से लोगों से जुड़े मुद्दों पर प्रश्नों का जवाब देने का अनुरोध करते हैं। जो भी हुआ, वह विपक्षी विधायकों की आवाज को दबाने की कोशिश है।'' उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन ने विधानसभा के इतिहास में काला अध्याय जोड़ा है। जब सदन की कार्यवाही अपराह्न साढ़े 12 बजे फिर शुरू हुई तो बाउरी ने कहा कि यह आपातकाल के बाद लोकतंत्र में काला दिन है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने ब्रिटिश संसद की तरह सदन में बम नहीं फेंका...हम बापू के अहिंसा के मार्ग पर चले।''

बाउरी ने कहा कि 18 विधायकों को सरकार के दबाव में निलंबित किया गया। वह 1929 की घटना का जिक्र कर रहे थे जब भगत सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय विधानसभा में कम तीव्रता वाले दो बम फेंके थे। इसके बाद बाउरी और नीलकंठ मुंडा ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। उन्हें सदन से निलंबित नहीं किया गया।

भाजपा के सहयोगी दल आजसू के प्रमुख सुदेश महतो ने अध्यक्ष से 18 विधायकों को निलंबित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। इस पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘बर्दाश्त करने की भी कोई सीमा होती है। हर किसी को असहमति जताने का अधिकार है लेकिन यहां असहमति को आक्रामकता में बदल दिया गया और उन्होंने सीमा लांघ दी।''

इसके बाद अध्यक्ष ने शुक्रवार सुबह 11 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। विधानसभा के बाहर बाउरी ने कहा, ‘‘हम इस सरकार को सत्ता से बाहर कर देंगे। सरकार ने कल हमारी बिजली काट दी, हमें शौचालय जाने से रोक दिया। लोग सब कुछ देख रहे हैं और वे झामुमो को उचित जवाब देंगे।'' राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

 

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