जस्टिस यूयू ललित हो सकते हैं देश के अगले चीफ जस्टिस, CJI रमन्ना ने केंद्र को भेजी सिफारिश

Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Aug, 2022 12:20 PM

justice uu lalit may be the next chief justice of the country

जस्टिस यू यू ललित देश के अगले मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं। मौजूदा CJI एनवी रमन्ना ने केंद्र सरकार को जस्टिस ललित के नाम की सिफारिश भेजी है।

नेशनल डेस्क: जस्टिस यू यू ललित देश के अगले मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं। मौजूदा CJI एनवी रमन्ना ने केंद्र सरकार को जस्टिस ललित के नाम की सिफारिश भेजी है। परम्परा के मुताबिक रिटायर होने वाले CJI नए चीफ जस्टिस के नाम की सिफारिश करते हैं। बता दें कि 26 अगस्त को CJI रमन्ना रिटायर हो रहे हैं। भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश (CJI) बनने की कतार में शामिल सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूयू ललित मुसलमानों में ‘तीन तलाक' की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।

 

अगर वह अगले प्रधान न्यायाधीश नियुक्त होते हैं तो वह ऐसे दूसरे प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिन्हें बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया गया। उनसे पहले न्यायमूर्ति एस. एम. सीकरी मार्च 1964 में शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे। वह जनवरी 1971 में 13वें सीजेआई बने थे। न्यायमूर्ति ललित मौजूदा प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमन्ना के सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद 27 अगस्त को भारत के 49वें सीजेआई बनने के लिए कतार में हैं। न्यायमूर्ति ललित को 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। तब वह जाने-माने वकील थे। 

 

कई ऐतिहासिक निर्णयों का हिस्सा रहे

न्यायमूर्ति ललित तब से शीर्ष अदालत के कई ऐतिहासिक निर्णयों का हिस्सा रहे हैं। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अगस्त 2017 में 3-2 के बहुमत से ‘तीन तलाक' को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। उन तीन न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति ललित भी थे। न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत एक मामले में बंबई हाईकोर्ट के ‘‘त्वचा से त्वचा के संपर्क'' संबंधी विवादित फैसले को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यौन हमले का सबसे महत्वपूर्ण घटक यौन मंशा है, बच्चों की त्वचा से त्वचा का संपर्क नहीं। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में न्यायमूर्ति ललित की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार के पास केरल में ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन का अधिकार है।

 

9 नवंबर, 1957 को जन्मे न्यायमूर्ति ललित ने जून 1983 में एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया था और दिसंबर 1985 तक बंबई हाईकोर्ट में वकालत की थी। वह जनवरी 1986 में दिल्ली आकर वकालत करने लगे और अप्रैल 2004 में उन्हें शीर्ष अदालत द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सुनवाई के लिए उन्हें केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति ललित आठ नवंबर, 2022 को सेवानिवृत्त होंगे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!