One Day Cash Limit: एक दिन में कितनी होती है कैश निकालने की लिमिट? यहां पढ़ें पूरी डिटेल

Edited By Updated: 21 Oct, 2025 11:07 AM

know how much cash you can withdraw in a day

डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देने के मौजूदा दौर में भारत का आयकर विभाग (Income Tax Department) बड़े नकद लेनदेन (Cash Transactions) को लेकर बेहद सख्त हो गया है। कई लोगों को यह जानकारी नहीं होती कि एक तय सीमा से ज़्यादा नकदी का लेनदेन न...

नेशनल डेस्क। डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देने के मौजूदा दौर में भारत का आयकर विभाग (Income Tax Department) बड़े नकद लेनदेन (Cash Transactions) को लेकर बेहद सख्त हो गया है। कई लोगों को यह जानकारी नहीं होती कि एक तय सीमा से ज़्यादा नकदी का लेनदेन न केवल भारी जुर्माने को आमंत्रित करता है बल्कि आपको आयकर नोटिस भी दिलवा सकता है। चाहे आप निजी इस्तेमाल के लिए नकदी ले रहे हों या व्यवसाय के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि कानूनी तौर पर एक दिन में आप कितनी नकदी का लेनदेन कर सकते हैं।

आयकर अधिनियम की धारा 269 ST क्या है?

आयकर अधिनियम की धारा 269 ST स्पष्ट रूप से किसी भी व्यक्ति पर एक दिन में नकद प्राप्ति की सीमा लगाती है। कोई भी व्यक्ति एक या एक से अधिक व्यक्तियों से एक दिन में ₹2 लाख या उससे अधिक नकद राशि प्राप्त नहीं कर सकता है। यह प्रतिबंध इस बात पर निर्भर नहीं करता कि लेनदेन व्यक्तिगत है या व्यावसायिक। उदाहरण के लिए यदि आप अपनी कार बेचते हैं और ₹2.5 लाख नकद प्राप्त करते हैं तो यह सीधे आयकर कानून का उल्लंघन है।

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नियम तोड़ने पर जुर्माना और जवाबदेही

यदि आप ₹2 लाख से ज़्यादा नकद स्वीकार करते हैं तो आयकर विभाग सख्त कार्रवाई कर सकता है। आयकर विभाग प्राप्त कुल नकद राशि के बराबर (100%) का भारी जुर्माना लगा सकता है। उदाहरण के लिए यदि आप किसी संपत्ति या व्यावसायिक लेनदेन के लिए ₹5 लाख नकद स्वीकार करते हैं तो जुर्माना भी पूरे ₹5 लाख का हो सकता है। यह जुर्माना धारा 271DA के तहत लगाया जाता है। इस नियम के तहत नकद प्राप्त करने वाले व्यक्ति को ही जवाबदेह ठहराया जाता है।

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यह नियम क्यों ज़रूरी है?

यह ₹2 लाख की नकद लेनदेन सीमा अर्थव्यवस्था में काले धन (Black Money) और टैक्स चोरी पर रोक लगाने के लिए लागू की गई थी। सरकार का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी बड़े लेनदेन चाहे वह बैंक हस्तांतरण हो, चेक हो या डिजिटल माध्यम से पूरी तरह पारदर्शी (Transparent) और ट्रेस करने योग्य (Traceable) हों। यहां तक कि व्यक्तिगत लेनदेन जैसे किसी दोस्त या रिश्तेदार को ₹2 लाख से ज़्यादा नकद देना या लेना भी जांच के दायरे में आ सकता है।

आयकर विभाग की निगरानी प्रणाली

आयकर विभाग अब नकद लेनदेन पर कड़ी नजर रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संचालित डेटा विश्लेषण का उपयोग करता है।

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अलर्ट सीमाएं:

किसी वित्तीय वर्ष में बचत खाते में ₹10 लाख या उससे अधिक की नकद जमा या निकासी।

किसी वित्तीय वर्ष में चालू खाते में ₹50 लाख या उससे अधिक की नकद जमा या निकासी।

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संदिग्ध लेनदेन: 

पहचान से बचने के लिए ₹2 लाख से कम के कई छोटे-छोटे नकद लेनदेन को भी संदिग्ध के रूप में पहचाना जा सकता है जिसके बाद विभाग नोटिस भेज सकता है। इसलिए किसी भी बड़े वित्तीय लेन-देन के लिए हमेशा डिजिटल या बैंक हस्तांतरण माध्यम का उपयोग करना सुरक्षित होता है।

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