Edited By Mehak,Updated: 26 Dec, 2025 01:32 PM

पीएम किसान योजना और अन्य कृषि लाभों के लिए अब फार्मर आईडी अनिवार्य कर दी गई है। यह किसान की डिजिटल प्रोफाइल होती है, जिसमें जमीन, फसल, बीज, खाद और आय जैसी सभी जानकारी दर्ज रहती है। फार्मर आईडी से लाभ सीधे सही किसान के खाते में पहुंचेंगे और फर्जी...
नेशनल डेस्क : देशभर में करोड़ों किसान हैं, जिनमें से कई आर्थिक रूप से कमजोर या सीमांत हैं। इन्हीं किसानों के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है ताकि खेती से होने वाली आय में मदद मिल सके। पीएम किसान सम्मान निधि योजना भी इसी उद्देश्य से शुरू की गई थी, जिसके तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की राशि मिलती है। अब इस योजना और अन्य कृषि लाभों के लिए Farmer ID अनिवार्य कर दी गई है।
Farmer ID क्यों जरूरी है?
Farmer ID किसान की एक डिजिटल प्रोफाइल होती है, जिसमें खेती से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज रहती है। इसमें जमीन का क्षेत्रफल, खेतों का स्थान, उगाई जाने वाली फसल, बीज और खाद का उपयोग, पशुपालन और खेती से होने वाली आय जैसी जानकारियां शामिल होती हैं। सरकार इस डेटा के आधार पर तय करेगी कि कौन किसान किन योजनाओं के लिए पात्र है।
Farmer ID से लाभ यह होगा कि पीएम किसान सम्मान निधि की राशि सीधे सही किसान के खाते में पहुंचेगी। इसके अलावा फर्जी रजिस्ट्रेशन और गलत लाभ लेने वाले आसानी से पहचान में आएंगे। भविष्य में ज्यादातर कृषि योजनाओं, सब्सिडी और बीमा लाभ इसी ID के जरिए दिए जा सकते हैं।
Farmer ID कैसे बनवाएं?
- अपने राज्य के AgriStack Portal पर जाएं।
- नया यूजर बनाने के ऑप्शन पर क्लिक करें और आधार नंबर डालें।
- KYC प्रक्रिया पूरी करें और फॉर्म सबमिट करें।
- आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर आए OTP से सत्यापन करें।
- मोबाइल नंबर दोबारा डालकर OTP के जरिए वेरिफिकेशन पूरा करें।
- नया पासवर्ड सेट करें और सेव करें।
लॉगिन करने के बाद Farmer Type में 'Owner' चुनें और Fetch Land Detail पर क्लिक करें। खसरा नंबर और जमीन से जुड़ी सारी जानकारी भरें। यदि किसान के पास एक से ज्यादा खेत हैं, तो सभी की जानकारी देना जरूरी है। सही जानकारी दर्ज होने के बाद Farmer ID बन जाती है और किसान सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए तैयार हो जाता है।
Farmer ID के जरिए अब किसानों तक लाभ पहुंचना आसान और सुरक्षित होगा, वहीं फर्जी दावों और डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगेगी। यह कदम किसानों की आर्थिक सुरक्षा और योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।