Pub-G, Ludo समेत जानिए कौन सी 118 चीनी ऐप्स हुई बैन

Edited By Updated: 02 Sep, 2020 08:30 PM

know which 118 chinese apps were banned including pub g ludo

सरकार ने लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी सहित चीन की कंपनियों से जुड़े 118 अन्य मोबाइल ऐप पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया। इन्हें भारत की संप्रभुता, अखंडत, सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरनाक मानते हुए इन पर पाबंदी लगाई गई है। इससे चीन की कंपनियों से...

नई दिल्लीः सरकार ने लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी सहित चीन की कंपनियों से जुड़े 118 अन्य मोबाइल ऐप पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया। इन्हें भारत की संप्रभुता, अखंडत, सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरनाक मानते हुए इन पर पाबंदी लगायी गयी है। इससे चीन की कंपनियों से संबंधित जिन ऐप पर भारत में प्रतिबंध लगाया गया है, उनकी संख्या बढ़कर अब 224 हो गयी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बुधवार को प्रतिबंधित ऐप में बायदू, बायदू एक्सप्रेस एडिशन, अलीपे, टेनसेंट वॉचलिस्ट, फेसयू, वीचैट रीडिंग, गवर्नमेंट वीचैट, टेनसेंट वेयुन, आपुस लांचर प्रो, आपुस सिक्योरिटी, कट कट, शेयरसेवा बाइ श्याओमी और कैमकार्ड के अलावा पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि ये सभी प्रतिबंधित ऐप चीन से जुड़ी कंपनियों के हैं।

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सरकार ने इससे पहले टिकटॉक और यूसी ब्राउजर समेत चीन के कई अन्य ऐप पर प्रतिबंध लगाया था। केंद्र सरकार ने 118 ऐसे ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनसे भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरा है।'' सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव और बढ़ गया है। बयान में कहा गया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में एंड्रॉयड व आईओएस जैसे प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ मोबाइल ऐप के उपयोक्ताओं (यूजरों) का डेटा चुराकर देश से बाहर के सर्वरों पर भंडारित किए जाने की रपटें भी शामिल हैं।

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केंद्र ने बताया कि इन सूचनाओं का संकलन, इनका विश्लेषण आदि ऐसे तत्व कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा के लिए खतरा हैं। यह अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर जोखिम उत्पन्न करता है। यह बेहद गंभीर मसला है, जिसके लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता थी।'' इससे पहले सरकार ने 29 जून को चीन से जुड़े 59 ऐप को प्रतिबंधित कर दिया था। उन ऐप में बेहद लोकप्रिय ऐप टिकटॉक और यूसी ब्राउजर शामिल थे। इसके अलावा वीचैट और बिगो लाइव जैसे ऐप भी प्रतिबंधित कर दिए गए थे। जून के प्रतिबंध के बाद 47 अन्य ऐप को भी प्रतिबंधित किया गया था, जो या तो पहले से प्रतिबंधित ऐप का क्लोन थे या हल्के संस्करण थे।

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सरकार ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर जोखिम की प्रकृति के मद्देनजर 118 मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय के तहत आने वाली एजेंसी भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने भी इन संदिग्ध ऐप पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था। इसी तरह संसद के भीतर व संसद के बाहर से भी ऐसे ही कदम के विभिन्न सुझाव मिले थे।''

सरकार ने कहा, जनता के बीच यह भावना प्रबल थी कि नागरिकों की गोपनीयता व भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाले इस तरह के ऐप के खिलाफ कार्रवाई की जाए। नई प्रतिबंधित सूची में लर्न चाइनीज एआई, ही मेतु, वीपीन फॉर टिकटॉक, ब्यूटी कैमरा प्लस जैसे ऐप भी शामिल हैं। खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए इसे चीन की गलत हरकतों के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम बताया। संगठन ने कहा कि यह कदम देश की भावना को मजबूत करेगा। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि चीन के ऐप पर प्रतिबंध लगाना अनिवार्य था। ये ऐप देश की संप्रभुता व सुरक्षा के लिए खतरा थे। पबजी जैसे ऐप नई पीढ़ी को बिगाड़ रहे थे। भारत के लोग पबजी व इसके जैसे अन्य ऐप पर समय खराब कर रहे थे।

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