Edited By Shubham Anand,Updated: 23 Dec, 2025 07:29 PM

उत्तर प्रदेश की ग्राम्य विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने विधानसभा में बताया कि राज्य में मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 252 रुपये निर्धारित है, जिसमें वृद्धि का निर्णय केंद्र सरकार लेती है। उन्होंने घोषणा की कि अब मजदूरों का भुगतान 15 के बजाय 7...
नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश सरकार की ग्राम्य विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने मंगलवार, 23 दिसंबर को विधानसभा में बताया कि मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों के लिए प्रतिदिन मजदूरी 252 रुपए निर्धारित की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है, इसलिए राज्य सरकार से इसमें किसी प्रकार की वृद्धि अपेक्षित नहीं है।
मजदूरी का भुगतान अब 7 दिन में
गौतम ने कहा कि अब मजदूरों का भुगतान पहले की तरह 15 दिन में नहीं, बल्कि केवल सात दिन के भीतर कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि मनरेगा की जगह विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम (वीबी-जी राम जी) लागू किया गया है, जिसे ग्रामीण विकास में सहायक और प्रभावी माना जा रहा है।
कार्य दिवस में वृद्धि और योजनाओं का एकीकरण
राज्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि अब मजदूरों के कार्य दिवस 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन कर दिए गए हैं और इसे विकसित भारत से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य ग्रामीण मजदूरों को अधिक रोजगार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
सदन में प्रश्नोत्तर
उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में, समाजवादी पार्टी के सदस्य त्रिभुवन दत्त ने सवाल किया कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए मजदूरी को प्रतिदिन 700 रुपए क्यों नहीं किया गया और वार्षिक कार्य दिवस 300 दिन क्यों नहीं निर्धारित किए गए। इस पर गौतम ने कहा कि मजदूरी और अधिकतम कार्य दिवस की सीमा निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है, इसलिए राज्य सरकार इस विषय पर निर्णय नहीं ले सकती।
पूरक प्रश्न और नई व्यवस्था
इसके पहले, अनिल प्रधान ने पूरक प्रश्न के दौरान कहा कि मनरेगा योजना कमजोर वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में योजना के नाम में बदलाव किया है। पहले केंद्र सरकार 100 प्रतिशत भुगतान करती थी, लेकिन नए प्रावधानों में इस व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है।
मजदूरों का बकाया और भुगतान में तेजी
सपा सदस्य ने सदन में दावा किया कि उत्तर प्रदेश में मजदूरों का 200 करोड़ रुपए का बकाया है। उन्होंने कहा कि इतनी महंगाई में मजदूरों की दिनचर्या कैसे चलेगी, यह गंभीर विषय है।
इस पर उत्तर देते हुए राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने कहा कि अब भुगतान प्रक्रिया को तेज किया गया है और मजदूरों का वेतन केवल सात दिन में दिया जाएगा। उन्होंने मनरेगा योजना का नाम बदलने पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर संकेत करते हुए कहा कि साल 2009 से पहले यह योजना नरेगा के नाम से थी, और बाद में इसमें महात्मा गांधी जोड़कर मनरेगा कर दिया गया।