जहांगीरपुरी हिंसा : तृणमूल ने कहा, पाबंदियों की वजह से स्थानीय निवासी ‘पिंजड़े' में बंद महसूस कर रहे

Edited By Updated: 23 Apr, 2022 05:35 PM

local residents feel locked in a  cage  due to restrictions

तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने शनिवार को दावा किया कि पिछले सप्ताह सांप्रदायिक झड़प के बाद लगी पाबंदियों की वजह से उत्तर पश्चिम दिल्ली स्थित जहांगीरपुरी के निवासियों को अपनी जरूरतें पूरी करने में मुश्किल हो रही है।

नेशनल डेस्क: तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने शनिवार को दावा किया कि पिछले सप्ताह सांप्रदायिक झड़प के बाद लगी पाबंदियों की वजह से उत्तर पश्चिम दिल्ली स्थित जहांगीरपुरी के निवासियों को अपनी जरूरतें पूरी करने में मुश्किल हो रही है। दस्तीदार, शुक्रवार को जहांगीरपुरी गई तृणमूल की तथ्य अन्वेषण टीम का नेतृत्व कर रही थीं जिसमें सभी सदस्य महिला थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि 16 अप्रैल को हुई हिंसा का केंद्र रहा जहांगीरपुरी का ‘सी' ब्लॉक इलाका ‘‘पिंजड़े'' की तरह हो गया है जहां लोगों को बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। दस्तीदार ने कहा कि उनके नेतृत्व में गई टीम ने पाया कि लोग ‘‘डर के साए'' में हैं और डर-डर कर जी रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों ने यहां पानी तक पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने का आरोप लगाया।

उल्लेखनीय है कि गत शनिवार को हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में दो समुदायों में झड़प हो गई थी जिसमें आठ पुलिस कर्मी और स्थानीय निवासी घायल हो गए थे। झड़प के दौरान पत्थरबाजी और आगजनी भी हुई थी और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद ‘सी' ब्लॉक इलाके तक जाने वाले सभी रास्तों पर अवरोधक लगाए दिए गए और सुरक्षा कड़ी कर दी गई। दस्तीदार ने कहा कि पाबंदियों के बावजूद उनकी टीम जहांगीरपुरी इलाके में दाखिल हुई और पुलिस द्वारा रोके जाने से पहले कई स्थानीय निवासियों से बातचीत की। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सी ब्लॉक में रहने वाले लोग पिंजड़े में बंद हैं। न तो वे बाहर आ सकते हैं और न ही उन्हें हमसे बात करने दिया गया।

वहां पर कुछ बच्चे थे जिन्होंने हमें आवासीय इलाकों में दाखिल होने में मदद की। पुलिस द्वारा रोके जाने से पहले ही हम वहां रह रहे कई परिवारों से मिल चुके थे।'' तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘उस सड़क पर भी गए जहां पर मस्जिद है और उन लोगों से बात की जो हिंसा के समय मौजूद थे। हमने पाया कि लोग धमकी और भय के साए में हैं।'' उन्होंने कहा कि कई निवासी कबाड़ का कारोबार करते हैं और पाबंदियों की वजह से अपनी दिहाड़ी नहीं कमा पा रहे हैं। दस्तीदार ने कहा, ‘‘हम इन निवासियों का समर्थन करेंगे और योजना बना रहे हैं कि कैसे इनकी मदद कर सकते हैं।'' तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल जहांगीरपुरी में करीब 200 लोगों से बातचीत करने में सफल रहा।

रॉय ने बताया, ‘‘वे कल (24 अप्रैल को) अपनी रिपोर्ट पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपेंगे और उसके बाद पार्टी फैसला करेगी। हम पहले ही उनकी (जहांगीरपुरी के निवासियों की) मदद कर रहे हैं।'' उल्लेखनीय है कि तृणमूल टीम का हिस्सा रही अपरूपा पोद्दार ने शुक्रवार को ट्वीट कर आरोप लगाया था कि उन्हें (जहांगीरपुरी के) निवासियों से मिलने से रोका गया था क्योंकि केंद्र को सच सामने आने का भय है। गौरतबल है कि अबतक जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुकी है जबकि दो किशोरों को भी पकड़ा गया है। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा कर रही है।

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