मोदी सरकार का Waqf Act में संशोधन: जानिए क्या बदल रहा है और विरोध की वजहें

Edited By Mahima,Updated: 05 Aug, 2024 09:26 AM

modi government s amendment in waqf act

मोदी सरकार वक्फ अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इस बदलाव का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना और संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना है। आइए जानते हैं इस संशोधन से जुड़े प्रमुख बिंदुओं, सरकार की योजनाओं, और...

नई दिल्ली: मोदी सरकार वक्फ अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इस बदलाव का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना और संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना है। आइए जानते हैं इस संशोधन से जुड़े प्रमुख बिंदुओं, सरकार की योजनाओं, और विरोध की वजहों के बारे में विस्तार से। 

बता दें कि, 2013 में यूपीए सरकार के दौरान वक्फ बोर्ड की शक्तियों को बढ़ा दिया गया था। इसके बाद से आम मुसलमान, गरीब मुस्लिम महिलाएं, तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के बच्चे, शिया और बोहरा जैसे समुदायों ने वक्फ अधिनियम में बदलाव की मांग की। उनका तर्क है कि वक्फ बोर्ड की वर्तमान संरचना में आम मुसलमानों की कोई जगह नहीं रह गई है और केवल प्रभावशाली लोग ही इसका लाभ उठा रहे हैं।  उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड की शक्तियों और संपत्तियों का सही उपयोग नहीं हो रहा है।

सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि वक्फ संपत्तियों से प्राप्त राजस्व का कोई सटीक आकलन नहीं होता और पारदर्शिता की कमी के कारण यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि यह राजस्व गरीब और जरूरतमंद मुसलमानों के कल्याण में सही ढंग से इस्तेमाल हो रहा है। देश में फिलहाल 30 वक्फ बोर्ड हैं, जो विभिन्न राज्यों में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं। सभी वक्फ संपत्तियों से हर साल लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इन संपत्तियों और उनके राजस्व के सही प्रबंधन और उपयोग की दिशा में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ आम मुसलमानों तक पहुंचे।

1. मोदी सरकार का प्लान क्या है?
हाल ही में कैबिनेट की बैठक में वक्फ अधिनियम में 40 संशोधनों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इन संशोधनों का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण को कड़ी निगरानी में लाना है। नए नियमों के तहत, वक्फ बोर्ड अब किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ के रूप में घोषित करने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि करना होगा। इसके साथ ही, संपत्तियों के मैनेजमेंट और ट्रांसफर की प्रक्रिया में भी बदलाव होगा।

2. कानून में बदलाव से क्या होगा?
- सत्यापन और रजिस्ट्री: वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्तियों को जिला मजिस्ट्रेट के दफ्तर में रजिस्टर्ड कराना होगा ताकि उनका मूल्यांकन किया जा सके। इससे संपत्तियों का राजस्व और विवादित संपत्तियों का सत्यापन हो सकेगा।
- महिलाओं की भागीदारी: नए संशोधन के तहत वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल में दो-दो महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी, जिससे बोर्ड की संरचना में विविधता आएगी।
- अदालत में अपील: वक्फ बोर्ड के फैसलों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी, जो पहले संभव नहीं था।

3. वक्फ बोर्ड को कब अधिकार मिले?
2013 में यूपीए सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन कर वक्फ बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाया था। इससे वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार मिला। हालांकि, इसके दुरुपयोग की शिकायतें आईं, जिसमें प्रभावशाली लोग अपनी लाभ के लिए संपत्तियों का इस्तेमाल करने लगे थे।

4. गड़बड़ियां और शिकायतें
- विवाद और देरी: वक्फ बोर्डों को संपत्तियों पर दावे करने का अधिकार मिला है, जिससे कई जगह संपत्तियों के सर्वेक्षण में देरी हो रही है। 
- पारदर्शिता की कमी: वक्फ संपत्तियों की निगरानी और सत्यापन में पारदर्शिता की कमी बताई जा रही है। 

5. वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है?
वक्फ बोर्डों के पास लगभग 9 लाख 40 हजार एकड़ में फैली 8 लाख 72 हजार 321 अचल संपत्तियां और 16,713 चल संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है। 

6. वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ एक्ट मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों के प्रबंधन और नियमन के लिए बनाया गया कानून है। इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है, ताकि वे धार्मिक और चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए उपयोग की जा सकें। 

7. वक्फ बोर्ड कैसे काम करता है?
वक्फ बोर्ड विभिन्न राज्य स्तर पर वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है, जिसमें संपत्तियों का रखरखाव, आय का सही उपयोग, और विवादों का निपटान शामिल है। 

8. वक्फ बोर्ड पर आरोप
विरोधी दल और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि वक्फ बोर्ड की शक्तियों का दुरुपयोग हो रहा है। उनका कहना है कि संपत्तियों का सही उपयोग नहीं हो रहा और पारदर्शिता की कमी है।

9. विरोध की दलीलें
- असदुद्दीन ओवैसी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य आरोप लगा रहे हैं कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों को छीनने की कोशिश है और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है।
- मौलाना फरंगी महली और अन्य विद्वानों का कहना है कि वर्तमान कानून में पहले से ही प्रावधान मौजूद हैं और बदलाव की आवश्यकता नहीं है। सरकार के इस कदम के खिलाफ कई प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं, और यह मुद्दा आगे भी चर्चा में रहेगा।

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