Edited By Anil dev,Updated: 18 Oct, 2021 11:37 AM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अमरीका दौरे के दौरान उद्योग मंडल फिक्की तथा अमेरिका-भारत रणनीतिक मंच द्वारा आयोजित गोलमेज में वैश्विक उद्योग जगत के दिग्गजों को संबोधित किया है।
नेशनल डैस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अमरीका दौरे के दौरान उद्योग मंडल फिक्की तथा अमेरिका-भारत रणनीतिक मंच द्वारा आयोजित गोलमेज में वैश्विक उद्योग जगत के दिग्गजों को संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है, जिससे भारत में सभी निवेशकों तथा उद्योग के हितधारकों के लिए काफी अवसर हैं। सीतारमण वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा के बाद शुक्रवार की देर रात न्यूयॉर्क पहुंचीं थीं। वाशिंगटन डीसी में उन्होंने विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों में भाग लिया। उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्टअप कंपनियां काफी तेजी से बढ़ी हैं और अब इनमें से कई पूंजी बाजार से धन जुटा रही हैं। इस साल ही करीब 16 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुई हैं।
डिजिटलीकरण का पूरा लाभ
यूनिकॉर्न से आशय एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन से है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने चुनौतीपूर्ण समय में भी डिजिटलीकरण का पूरा लाभ उठाया है। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर सीतारमण के हवाले से कहा कि वित्तीय क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की वजह से वित्तीय समावेश को बढ़ावा मिल रहा है। वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। सीतारमण ने मास्टरकार्ड के कार्यकारी चेयरमैन अजय बंगा और मास्टरकार्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी माइकल मीबैक, फेडेक्स कारपोरेशन के अध्यक्ष और सी.ओ.ओ. राज सुब्रमण्यम, सिटी की सी.ई.ओ. जेन फ्रेजर और आई.बी.एम. के चेयरमैन एवं सी.ई.ओ. अरविंद कृष्णा, प्रूडेंशियल फाइनेंस इंक के अंतरराष्ट्रीय कारोबार प्रमुख स्कॉट स्लीस्टर और लेगाटम के मुख्य निवेश अधिकारी फिलिप वासिलियो से भी मुलाकात की।
मास्टर कार्ड भारत में जारी रखेगा निवेश
बंगा ने इस बैठक के बाद कहा कि भारत अपने सतत सुधारों की वजह से मजबूत राह पर है। उन्होंने कहा कि मैं विशेष रूप से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पी.एल.आई.) योजना से काफी प्रभावित हूं। मीबैक ने कहा कि मास्टर कार्ड भारत में निवेश करना जारी रखेगी। सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत में फेडएक्स का कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है। भारत को लेकर हम काफी उत्साहित हैं। यह तथ्य कि हमारे पास वैश्विक हवाई नेटवर्क है, सिर्फ इस वजह से हम भारत में जरूरत होने पर कोविड-19 से संबंधित सामग्री पहुंचा सकते हैं।