Edited By Radhika,Updated: 31 Dec, 2025 05:39 PM

केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी नियमों में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि ग्रेच्युटी अब एक ‘वन टाइम टर्मिनल बेनिफिट’ है। इसका सीधा मतलब यह है कि यह लाभ सेवा समाप्ति पर केवल एक...
NPS Gratuity Rules: केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी नियमों में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि ग्रेच्युटी अब एक ‘वन टाइम टर्मिनल बेनिफिट’ है। इसका सीधा मतलब यह है कि यह लाभ सेवा समाप्ति पर केवल एक बार ही दिया जाएगा।
Re-employment पर क्या होगा?
नए नियमों के अनुसार अगर किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट या अनिवार्य सेवानिवृत्ति के समय एक बार ग्रेच्युटी मिल चुकी है, तो दोबारा सरकारी नौकरी ज्वाइन करने पर उसे उस अवधि के लिए अलग से ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी। सरकार का मानना है कि एक ही व्यक्ति को अलग-अलग सेवा अवधियों के लिए बार-बार यह लाभ नहीं दिया जा सकता।

पूर्व सैनिकों के लिए बड़ी राहत
इस आदेश में सबसे महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण पूर्व सैनिकों (Ex-servicemen) के लिए है। सरकार ने साफ किया है कि मिलिट्री सर्विस के दौरान ली गई ग्रेच्युटी को सिविल सेवा (सरकारी नौकरी) की ग्रेच्युटी कैलकुलेशन में नहीं जोड़ा जाएगा। यानी सेना से रिटायर होने के बाद यदि कोई व्यक्ति सिविल सेवा में आता है, तो वह अपनी सिविल सेवा अवधि के लिए पूरी ग्रेच्युटी का हकदार होगा।
PSU और राज्य सरकार से आने वालों के लिए नियम
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PSU/ऑटोनॉमस बॉडी: यदि कोई कर्मचारी PSU से उचित मंजूरी (Technical Resignation) लेकर केंद्र सरकार में आता है, तो उसे दोनों सेवाओं के लिए ग्रेच्युटी मिल सकती है।
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अधिकतम सीमा: शर्त यह है कि दोनों जगहों की कुल ग्रेच्युटी मिलाकर उस अधिकतम सीमा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, जो एक सामान्य केंद्र सरकार कर्मचारी को पूरी सेवा के बाद मिलती है। वर्तमान में यह सीमा 25 लाख रुपये (8वें वेतन आयोग के सुझावों और हालिया संशोधनों के बाद) तक प्रभावी है।