एक देश एक चुनाव का जिक्र करते हुए JPC से बोले पूर्व CJI, 'चुनाव आयोग को न दी जाएं बेलगाम शक्तियां'

Edited By Updated: 11 Jul, 2025 09:04 PM

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‘एक देश, एक चुनाव’ पर संसद में पारित विधेयक को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को हुई। इस बैठक की अध्यक्षता बीजेपी सांसद पीपी चौधरी ने की। बैठक में भारत के दो पूर्व मुख्य न्यायाधीश – न्यायमूर्ति जे. एस. खेहर और...

नेशनल डेस्क : ‘एक देश, एक चुनाव’ पर संसद में पारित विधेयक को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को हुई। इस बैठक की अध्यक्षता बीजेपी सांसद पीपी चौधरी ने की। बैठक में भारत के दो पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस. खेहर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपनी विशेषज्ञ राय दी।

संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं: जे. एस. खेहर

पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे. एस. खेहर ने समिति को संबोधित करते हुए कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक, सैद्धांतिक रूप से संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को दी जा रही अतिरिक्त शक्तियों को लेकर गहन राष्ट्रीय बहस की आवश्यकता है।

चुनाव आयोग की शक्तियों पर उठे सवाल

दोनों पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने यह स्पष्ट किया कि प्रस्तावित संशोधन में चुनाव आयोग को जो "बेलगाम ताकतें" दी जा रही हैं, उन पर पुनर्विचार जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए एक निगरानी तंत्र की स्थापना आवश्यक है, ताकि चुनावों का संचालन निष्पक्ष और जवाबदेह बना रहे।

जेपीसी अध्यक्ष पीपी चौधरी ने दी जानकारी

जेपीसी चेयरमैन पीपी चौधरी ने कहा, "आज की बैठक में हमने दोनों पूर्व मुख्य न्यायाधीशों से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर संवैधानिक दृष्टिकोण पर उनकी राय ली। इससे विधेयक को लेकर कानूनी स्थिति और स्पष्ट हुई है।"

उन्होंने यह भी बताया कि अब तक समिति महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और चंडीगढ़ की सरकारों और अन्य संबंधित पक्षों से भी विचार-विमर्श कर चुकी है। "हम सभी पक्षों की राय लेकर एक संतुलित रिपोर्ट तैयार करना चाहते हैं," उन्होंने कहा।

2029 से लागू हो सकता है कानून

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में संसद ने ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल को पास किया था। यह संविधान का 129वां संशोधन है और माना जा रहा है कि सरकार इसे वर्ष 2029 के आम चुनाव से पहले लागू करने की योजना पर काम कर रही है।

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