Edited By Anu Malhotra,Updated: 24 Apr, 2025 07:54 AM

जम्मू-कश्मीर के शांत और सुरम्य इलाके पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। टूरिस्ट सीज़न की चहक के बीच, गोलियों की आवाज़ ने 27 मासूम ज़िंदगियों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया। 17 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, और पूरे देश में ग़म और...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के शांत और सुरम्य इलाके पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। टूरिस्ट सीज़न की चहक के बीच, गोलियों की आवाज़ ने 27 मासूम ज़िंदगियों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया। 17 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, और पूरे देश में ग़म और ग़ुस्से का माहौल है। इस खौफनाक हमले के बाद अब सिर्फ आम जनता ही नहीं, बल्कि धर्मगुरु भी अपने गुस्से और दर्द को खुलकर ज़ाहिर कर रहे हैं।
“सदी की सबसे निंदनीय घटना” – धीरेन्द्र शास्त्री
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हमले को “इस सदी की सबसे निंदनीय घटना” बताया। उन्होंने कहा, “आतंकियों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा कि कोई ब्राह्मण था या दलित, मराठी बोल रहा था या तमिल। उन्होंने न जाति देखी, न भाषा - बस गोलियां बरसा दीं।” उनका कहना था कि यह हमला सिर्फ इंसानों पर नहीं, इंसानियत पर हमला है। शास्त्री ने भावुक होकर कहा कि, “अगर हिंदू अब भी नहीं जागा, तो फिर कब जागेगा? अब ईंट का जवाब पत्थर से देने का वक्त आ गया है।”
“27 का बदला 2700 से” – रामभद्राचार्य का तीखा बयान
जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब केवल सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, बल्कि आतंकियों के पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, “ये हमला पाकिस्तान की शह पर हुआ है, और जब तक वहां से 2700 लाशें नहीं लौटतीं, तब तक न्याय अधूरा रहेगा।”
उन्होंने साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से इस्तीफे की मांग भी कर दी। उनका कहना था कि आतंकियों ने सोची-समझी साजिश के तहत हिंदुओं को निशाना बनाया और देश अब सिर्फ शोक नहीं, एक्शन चाहता है।