Edited By Parveen Kumar,Updated: 04 Jun, 2025 05:52 PM

भारत ने एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा पाकिस्तान को दी गई 668 करोड़ रुपये की मदद पर सख्त आपत्ति जताई है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता का इस्तेमाल आर्थिक सुधारों के बजाय रक्षा खर्च बढ़ाने में हो सकता है, जिससे संसाधनों का...
नेशनल डेस्क: भारत ने एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा पाकिस्तान को दी गई 668 करोड़ रुपये की मदद पर सख्त आपत्ति जताई है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता का इस्तेमाल आर्थिक सुधारों के बजाय रक्षा खर्च बढ़ाने में हो सकता है, जिससे संसाधनों का गलत उपयोग होगा। भारत ने बताया कि पाकिस्तान का टैक्स कलेक्शन लगातार घट रहा है। 2018 में टैक्स-GDP अनुपात 13% था, जो 2023 में गिरकर सिर्फ 9.2% रह गया, जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का औसत 19% है। इसके विपरीत, पाकिस्तान का रक्षा खर्च लगातार बढ़ रहा है।
भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना देश की अर्थव्यवस्था में जरूरत से ज्यादा दखल दे रही है। सेना अब "विशेष निवेश सुविधा परिषद" जैसी संस्थाओं में भी प्रमुख भूमिका निभा रही है, जो दिखाता है कि वहां सेना का दबदबा बहुत ज्यादा है। इससे आर्थिक अस्थिरता और क्षेत्रीय शांति को खतरा हो सकता है। भारत ने ADB और IMF के पुराने कार्यक्रमों की सफलता पर भी सवाल उठाए। भारत का कहना है कि अगर पहले की मदद से सही सुधार हुए होते, तो पाकिस्तान को बार-बार आर्थिक मदद मांगने की जरूरत नहीं पड़ती।
इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के सीमापार आतंकवाद और FATF की सिफारिशों पर कमजोर अमल का मुद्दा भी उठाया। भारत ने ADB से आग्रह किया है कि वह पाकिस्तान को दिए जाने वाले फंड्स को सुरक्षित रखे (ring-fencing करे) ताकि उनका दुरुपयोग न हो और भविष्य में ADB को नुकसान न पहुंचे। इसके बावजूद ADB ने भारत की चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए पाकिस्तान को 668 करोड़ रुपये की मदद देने का फैसला किया है, जो पाकिस्तान की सरकारी फाइनेंस को सुधारने के लिए दी गई है।