करोड़ों के मालिक हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री, केवल मन की बात पढ़ने के लेते हैं लाखों रुपए

Edited By Utsav Singh,Updated: 05 Oct, 2024 03:03 PM

pandit dhirendra shastri is the owner of crores he takes lakhs

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित बाबा धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों काफी चर्चा में हैं। वे अपनी खास विधि से लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं। बाबा का दावा है कि वे पर्चे पर लोगों के मन की बात और समस्याओं को जान लेते हैं और फिर उन...

नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित बाबा धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों काफी चर्चा में हैं। वे अपनी खास विधि से लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं। बाबा का दावा है कि वे पर्चे पर लोगों के मन की बात और समस्याओं को जान लेते हैं और फिर उन समस्याओं को लिखकर समाधान प्रदान करते हैं। बाबा का कहना है कि यह कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म की सदियों पुरानी ध्यान विधि का परिणाम है। वहीं बाबा बागेश्वर लोगों के मन बात पढ़कर लाखों रुपये कमा लेते हैं। आईये जानते हैं उनकी टोटल नेटवर्थ कितनी है और वो एक कथा के लिए कितने रुपये लेते हैं। 

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कितनी हैं बाबा की एक कथा की फीस
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जो लोगों के मन की बात पढ़ने के लिए मशहूर हैं, उनकी नेटवर्थ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 19.50 करोड़ रुपये के करीब है। बाबा की आय मुख्य रूप से उनकी कथाओं, प्रवचनों और मन की बात पढ़ने से होती है। इसके अतिरिक्त, लाखों सनातनी भक्तों के विश्वास और चढ़ावे से भी उनकी आमदनी में इजाफा होता है। एक कथा जो आमतौर पर 15 दिन तक चलती है, के लिए बाबा की फीस लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये तक होती है। इसके साथ ही, बाबा हर महीने 3.5 लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं और रोजाना लगभग आठ हजार रुपये अर्जित करते हैं।

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जीवनशैली और साधन
बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के पास कुछ विशेष वस्तुएं हैं जो उनकी साधना और आस्था का प्रतीक हैं। इनमें एक पुराना घर, एक गदा, और एक प्याला शामिल हैं। ये वस्तुएं न केवल उनके धार्मिक विश्वास को दर्शाती हैं, बल्कि उनके साधना के महत्व को भी उजागर करती हैं।

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पुराना घर, गदा, और प्याला

  • पुराना घर: बाबा का पुराना घर उनके साधना का स्थायी निवास स्थान है, जहां वे अपनी धार्मिक गतिविधियों और भक्ति का संचालन करते हैं।
  • गदा: बाबा के पास हनुमान जी की गदा की तरह दिखने वाली एक गदा होती है, जिसे वे अपनी शक्ति और आस्था का प्रतीक मानते हैं। उनका कहना है कि यह गदा उन्हें हनुमान जी की कृपा और शक्ति प्रदान करती है।
  • प्याला: बाबा के साथ हमेशा एक प्याला होता है, जो उनके दैनिक उपयोग का हिस्सा है और साधना में उनकी भूमिका को दर्शाता है।

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ध्यान विधि और शक्ति
बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की शक्ति की बुनियाद ध्यान विधि पर आधारित है, जो सनातन धर्म की प्राचीन परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनके अनुसार, यह विधि किसी भी प्रकार के चमत्कारिक शक्ति से ज्यादा ध्यान और साधना का परिणाम है। यह परंपरा सदीयों से चली आ रही है और बाबा इसे अपनी साधना और कार्यों में पूरी तरह से अपनाते हैं। बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की शक्ति का एक बड़ा हिस्सा हनुमान जी की कृपा और मुगदर की शक्ति पर निर्भर करता है। बाबा का कहना है कि हनुमान जी की गदा के समान यह मुगदर उनके साथ हमेशा रहता है और उनकी शक्ति को बढ़ाता है। वे इसे अपने धार्मिक कार्यों और साधना का महत्वपूर्ण अंग मानते हैं। मुगदर को बाबा अपनी शक्तियों का स्रोत मानते हैं और यह उनके साधना के प्रतीक के रूप में कार्य करता है।

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लोगों की भीड़ और लोकप्रियता
बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथाओं में उमड़ती भीड़ और उनकी बढ़ती लोकप्रियता यह दर्शाती है कि उनकी साधना और कार्यों में लोगों की गहरी आस्था है। भक्तों का विश्वास है कि बाबा की सहायता से उनके जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं और उन्हें सही समाधान मिलता है। बाबा के दर्शन और उनके द्वारा की गई कथाओं में भाग लेने से भक्तों को शांति और समाधान की प्राप्ति होती है, जो उनकी लोकप्रियता का मुख्य कारण है। बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की साधना की विधि और उनकी कड़ी मेहनत उनके भक्तों के दिलों में गहरी छाप छोड़ रही है। उनकी विधि में भक्तों की समस्याओं का समाधान कागज पर लिखा जाना और हनुमान जी की कृपा का विश्वास प्रमुख है। यह विश्वास उनके कार्यों की प्रभावशीलता को प्रमाणित करता है, जिससे उनके अनुयायियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

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