राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने वाजपेयी के स्मारक सदैव अटल पर श्रद्धांजलि अर्पित की, देखें तस्वीरें

Edited By Updated: 25 Dec, 2025 12:16 PM

president and pm pay tributes at vajpayee s memorial sadaiv atal

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक ‘सदैव अटल' पर आयोजित प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया और उनकी 101वीं...

नेशनल डेस्क: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक ‘सदैव अटल' पर आयोजित प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया और उनकी 101वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा, निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सहयोगी जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) नेता एवं केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, कई अन्य मंत्री, सांसद, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि वाजपेयी का व्यक्तित्व, कार्य और नेतृत्व राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा मार्गदर्शक रहेंगे।

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उन्होंने कहा, ‘‘एक प्रखर वक्ता के साथ-साथ ओजस्वी कवि के रूप में भी वह सदैव स्मरणीय रहेंगे। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए पथ-प्रदर्शक बना रहेगा।'' वाजपेयी का जन्म 1924 में ग्वालियर (मध्यप्रदेश) में हुआ और उनका निधन 16 अगस्त 2018 को नयी दिल्ली में हुआ। सरकार उनकी जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाती है। भाजपा ने इस अवसर पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित कर वाजपेयी की विरासत को याद किया। भाजपा के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद और संगठन के नेता इन कार्यक्रमों में शामिल हुए। भारत के 13वें प्रधानमंत्री वाजपेयी ने 1996 से 2004 तक तीन कार्यकाल में देश की सेवा की। भारत के आर्थिक विकास में योगदान के लिए उन्हें याद किया जाता है। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल में ‘ऑपरेशन विजय' (कारगिल युद्ध) लड़ा गया और भारत ने इसे जीता भी। उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाया।

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वाजपेयी का चार दशक लंबा संसदीय करियर गौरवशाली रहा; वह नौ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर प्रधानमंत्री बनने वाले वाजपेयी को 1992 में पद्म विभूषण और 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। वाजपेयी ने लोकतांत्रिक आदर्शों, महिला सशक्तीकरण और सामाजिक समानता का समर्थन किया। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों का निर्माण, दूरसंचार का विस्तार और बुनियादी ढांचे में सुधार समेत सुशासन और आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी।

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