राहुल गांधी ने की व्हाइट हाउस की सीक्रेट विजिट!, उठने लगे सवाल

Edited By Yaspal,Updated: 08 Jun, 2023 05:29 PM

rahul gandhi made a secret visit to the white house questions started to arise

राहुल गांधी इन दिनों 10 दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया। इस बीच खबर निकलकर सामने आ रही है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने व्हाइट हाउस का सीक्रेट दौरा किया है

इंटरनेशनल डेस्कः राहुल गांधी इन दिनों 10 दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया। इस बीच खबर निकलकर सामने आ रही है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने व्हाइट हाउस का सीक्रेट दौरा किया है। हालांकि, इस बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, ना तो बाइडन प्रशासन की ओर से और ना ही कांग्रेस पार्टी ने कुछ कहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया सीमा सिरोही के मुताबिक, राहुल की इस सीक्रेट विजिट को अभी पूरी तरह गोपनीय रखा गया है। राहुल की इस व्हाइट हाउस विजिट की टाइमिंग और इसके इर्द-गिर्द हुई घटनाओं के कारण कई सारी बातें घूमने लगी हैं पॉलिटिकल और सोशल मीडिया सर्किल में।इसी महीने की 21 तारीख को पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका जाने वाले हैं। यह पीएम का पहला राजकीय दौरा होगा। इस दौरान वह अमेरिकी संसद के दोनों सदनों के जॉइंट सेशन को संबोधित करेंगे और साथ ही व्हाइट हाउस भी जाएंगे।

अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल ने सीधे तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार की नीतियों और भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर बयानबाजी की है। कैलिफोर्निया में उन्होंने पीएम पर तंज कसा। भारतवंशियों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि, 'भारत में कुछ लोगों को लगता है कि वो भगवान से भी ज़्यादा जानते हैं। वो भगवान के साथ बैठकर बता सकते हैं कि दुनिया में चल क्या रहा है और हमारे प्रधानमंत्री ऐसे ही लोगों में से एक हैं।'

फिर वॉशिंगटन में राहुल ने मुस्लिम लीग को पूरी तरह से सेक्युलर बता दिया। वहां उनसे गठबंधन को लेकर सवाल पूछा गया था। साथ ही, उन्होंने बीजेपी पर भी हमला बोलते हुए कहा था कि सत्ताधारी पार्टी समाज का ध्रुवीकरण करती है और इससे भारत को नुकसान हो रहा है।

अपनी यात्रा के दौरान राहुल बीजेपी सरकार पर लगातार हमलावर रहे और यह भी एक वजह है कि कुछ जर्नलिस्ट ने व्हाइट हाउस में रेगुलर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर सवाल उठा दिए। अगर राहुल के बयानों से सरकार असहज हो रही थी, तो पत्रकारों के सवालों ने कुछ हद तक व्हाइट हाउस को असहज किया, जो इस समय व्यस्त है पीएम मोदी की आगवानी की तैयारी में। व्हाइट हाउस की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और कोई भी दिल्ली जाकर इसे ख़ुद देख सकता है।

 

  • इन्हीं सब वजहों से जब से राहुल की व्हाइट हाउस विजिट की जानकारी सामने आई है तब से इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं और कई सवाल पूछे जा रहे हैं।
  • अव्वल तो राहुल गांधी को व्हाइट हाउस में किसने आमंत्रित किया था और वहां उनकी मुलाकात किससे हुई?
  • राहुल का पूरा अमेरिकी दौरा मीडिया की नज़र में रहा है, फिर व्हाइट हाउस के दौरे को लेकर इतनी गोपनीयता क्यों बरती जा रही? वैसे भी परंपरा है कि इस तरह की शिष्टाचार भेंट के बारे में प्रेस ब्रीफिंग की जाती है।
  • अमेरिकी यात्रा के दौरान राहुल ने लगातार ऐसे बयान दिए, जो नरेंद्र मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले थे।
  • बाइडेन प्रशासन को कुछ दिनों बाद ही मोदी की आगवानी करनी है, तो कहीं राहुल की इस व्हाइट हाउस यात्रा को इसलिए तो नहीं छुपाया जा रहा, ताकि भारतीय प्रधानमंत्री के सामने किसी असहज स्थिति से बचा जा सके?
  • सोशल मीडिया पर एक कयास यह भी लग रहे हैं कि अमेरिका बदलाव चाहता है भारत में। हिंदुस्तान में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राहुल को व्हाइट हाउस बुलाना महज इत्तेफाक नहीं हो सकता।


मोदी के दौर में बीजेपी ने भारतवंशियों के बीच गहरी पैठ बनाई है। पीएम अपनी हर विदेश यात्रा में भारतीय मूल के लोगों से ज़रूर मुखातिब होते हैं। यह भी एक तरीका निकाला है उन्होंने विदेश में अपनी इमेज मजबूत करने का। ठीक यही काम इस बार राहुल ने किया। उनकी अमेरिका यात्रा का एक मकसद भारतवंशियों को लुभाना भी था। तो क्या व्हाइट हाउस जाकर उन्होंने एक संदेश दिया है भारतीय मूल के लोगों को कि उनकी दावेदारी इतनी हल्की नहीं? वैसे इस आकलन को उल्टा करके भी देख सकते हैं। भारतवंशियों से मुलाकात के बाद व्हाइट हाउस जाकर उन्होंने कहीं यह मेसेज तो नहीं दिया कि भारतीय मूल के लोगों का एक ही नेता नहीं!

जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी चल रही थी, तब नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ मंच साझा किया था। उस कार्यक्रम के ज़रिये पीएम ने एक तरह से अपना समर्थन जता दिया था ट्रंप के प्रति। अब चुनाव भारत में होने हैं। सोशल मीडिया पर एक कयास यह भी है कि व्हाइट हाउस ने राहुल को बुलाकर एक तरह से उन्हें अपना सपोर्ट दिया है।

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