Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Jun, 2025 08:35 AM

भारतीय रेलवे जल्द ही ट्रेन टिकट बुकिंग प्रणाली में बड़े बदलाव करने जा रहा है, जिससे यात्रियों को न केवल अधिक पारदर्शिता मिलेगी, बल्कि पूरी बुकिंग प्रक्रिया पहले से कहीं ज़्यादा सरल, तेज़ और भरोसेमंद बन जाएगी। इन बदलावों में तीन मुख्य सुधार शामिल...
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे जल्द ही ट्रेन टिकट बुकिंग प्रणाली में बड़े बदलाव करने जा रहा है, जिससे यात्रियों को न केवल अधिक पारदर्शिता मिलेगी, बल्कि पूरी बुकिंग प्रक्रिया पहले से कहीं ज़्यादा सरल, तेज़ और भरोसेमंद बन जाएगी। इन बदलावों में तीन मुख्य सुधार शामिल हैं—तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव, चार्ट तैयार करने की नई समय-सारणी और पूरी PRS (पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम) का अपग्रेड। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, रेलवे का लक्ष्य है कि हर यात्री को टिकट बुकिंग से लेकर ट्रेन यात्रा तक एक सीमलेस एक्सपीरियंस मिल सके। उन्होंने साफ कहा है कि यह केवल तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अब चार्टिंग पहले, ताकि यात्रियों की प्लानिंग हो आसान
अभी तक ट्रेन का चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से लगभग 4 घंटे पहले तैयार होता है। इससे उन यात्रियों को परेशानी होती है, जो दूर-दराज से स्टेशन पहुंचते हैं और वेटिंग टिकट की स्थिति स्पष्ट नहीं होती।
अब प्रस्ताव है कि यह चार्ट 8 घंटे पहले तैयार किया जाए।
-दोपहर 2 बजे से पहले रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए चार्ट एक दिन पहले रात 9 बजे ही तैयार कर दिया जाएगा।
-इससे वेटिंग लिस्ट वाले यात्री पहले ही जान सकेंगे कि उन्हें सीट मिली या नहीं, और वे वैकल्पिक योजना बना सकेंगे।
-रेल मंत्री ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए इसे फेज़-वाइज़ लागू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि यात्री धीरे-धीरे इस बदलाव में ढल सकें।
तत्काल टिकट अब सिर्फ वेरिफाइड यूज़र्स के लिए
रेलवे ने तत्काल टिकटों की बुकिंग प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
-1 जुलाई 2025 से, तत्काल टिकट बुक करने के लिए यात्री का आईआरसीटीसी अकाउंट वेरिफाइड होना जरूरी होगा।
-OTP आधारित पहचान की प्रक्रिया भी इसी साल के अंत तक शुरू हो जाएगी।
इस बदलाव का मकसद है एजेंट बुकिंग या फर्जी अकाउंट्स के ज़रिए हो रही धांधली पर रोक लगाना और सही यात्रियों को प्राथमिकता देना। इससे टिकट बुकिंग प्रक्रिया में धोखाधड़ी की संभावना घटेगी, और सिस्टम ज्यादा सुरक्षित होगा।
दिसंबर 2025 तक पूरी तरह बदलेगी टिकटिंग प्रणाली
रेलवे की तकनीकी इकाई CRIS एक पूरी तरह नई PRS प्रणाली विकसित कर रही है, जिसे दिसंबर 2025 तक लॉन्च किया जाएगा। यह प्रणाली कई मायनों में मौजूदा सिस्टम से कहीं बेहतर होगी:
नई PRS प्रणाली मौजूदा क्षमता से 10 गुना ज्यादा बुकिंग संभाल सकेगी।
-अभी जहां प्रति मिनट लगभग 32,000 टिकट बुक होते हैं, वहीं नई प्रणाली 1.5 लाख टिकट प्रति मिनट तक प्रोसेस कर सकेगी।
-सिस्टम में बेहतर स्पीड, ज्यादा लचीलापन, और यूज़र फ्रेंडली इंटरफेस होगा।
-यह अपग्रेड रेलवे को भीड़ के समय (जैसे त्योहारों या समर वेकेशन) में बुकिंग से जुड़ी समस्याओं को काफी हद तक हल करने में सक्षम बनाएगा।