Edited By Anu Malhotra,Updated: 23 Dec, 2025 09:49 AM

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के हस्तक्षेप के बाद डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूती देखने को मिली है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि विदेशी लेन-देन करने वालों को राहत मिल गई है। अगर आप विदेश में पढ़ाई, वीजा फीस, यात्रा, गैजेट्स या किसी अन्य डॉलर...
नेशनल डेस्क: हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के हस्तक्षेप के बाद डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूती देखने को मिली है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि विदेशी लेन-देन करने वालों को राहत मिल गई है। अगर आप विदेश में पढ़ाई, वीजा फीस, यात्रा, गैजेट्स या किसी अन्य डॉलर में भुगतान करने वाले खर्च की योजना बना रहे हैं, तो रुपया अभी भी आपकी जेब पर असर डाल सकता है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, 2025 में अब तक रुपए में लगभग 4.1 फीसदी की कमजोरी देखी गई है। दिसंबर के अंत तक डॉलर के मुकाबले रुपये का स्तर लगभग 90 प्रति डॉलर के आसपास स्थिर रह सकता है। वहीं विशेषज्ञों का अनुमान है कि मार्च 2026 के अंत तक यह 88.50 रुपए प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है, जिससे कुछ मजबूती देखने को मिलेगी।
हाल ही में क्या हुआ?
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2026 में रुपया अब तक 4.3 फीसदी कमजोर हुआ है। पिछले सप्ताह यह 91.10 रुपए के स्तर तक पहुंचकर रिकॉर्ड न्यूनतम पर पहुँच गया था। लगातार चार सत्रों में गिरावट के बाद सप्ताह के अंत में रुपया 1.3 फीसदी मजबूत होकर 89.29 रुपए पर स्थिर हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार RBI के हस्तक्षेप का नतीजा है, जिसने डॉलर में लॉन्ग पोजीशन और रुपए में शॉर्ट पोजीशन रखने वाले व्यापारियों की सट्टेबाजी को रोकने की कोशिश की।
बजट बनाते समय क्या ध्यान रखें?
यदि आप जल्द ही डॉलर में भुगतान करने वाले हैं, तो 90 रुपए प्रति डॉलर को आधार मानकर योजना बनाना सही रहेगा। हर 1 रुपए के बदलाव से 1,000 डॉलर की लागत में 1,000 रुपए का फर्क पड़ता है। उदाहरण के लिए:
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500 डॉलर का भुगतान: 88.50 पर = 44,250 रुपए, 90 पर = 45,000 रुपए, 91 पर = 45,500 रुपए
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2,000 डॉलर का भुगतान: 1.77 लाख रुपए से 1.82 लाख रुपए
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10,000 डॉलर का भुगतान: 8.85 लाख रुपए से 9.10 लाख रुपए
इस तरह आप रुपये की अस्थिरता को अपने बजट में शामिल कर सकते हैं।
अलग-अलग बैंकों की राय
देश के विभिन्न बैंकों के अनुमान भी अलग हैं:
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स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक: दिसंबर तक 90 रुपए, मार्च तक 89.5 रुपए
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IDFC फर्स्ट बैंक: दिसंबर तक 89.50-90, मार्च तक 88.5 रुपए
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CR फॉरेक्स: दिसंबर तक 89.80-90.20, मार्च तक 88.80-89.20
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RBL बैंक: दिसंबर तक 91, मार्च तक 92-93 रुपए
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बैंक ऑफ बड़ौदा: दिसंबर तक 89.59, मार्च तक 90-91 रुपए
इस मतभेद का मतलब है कि यदि आपकी पेमेंट जनवरी या फरवरी में है, तो आपको अपनी योजना मार्च में भुगतान करने वालों से अलग बनानी होगी।
RBI के हस्तक्षेप के बावजूद रिस्क खत्म नहीं
व्यापारियों के लिए दो महत्वपूर्ण बातें हैं:
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RBI यह संकेत दे रहा है कि वह रुपए की एकतरफा गिरावट नहीं चाहता। डॉलर बेचकर केंद्रीय बैंक सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने और बाजार में अस्थिरता कम करने की कोशिश कर रहा है।
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हस्तक्षेप की सीमाएं भी हैं। एनडीएफ और ऑनशोर फॉरवर्ड मार्केट में RBI की शॉर्ट पोजीशन अधिक होने के कारण केंद्रीय बैंक की क्षमता सीमित हो सकती है।
फॉरवर्ड मार्केट के आंकड़ों के अनुसार, जून से अक्टूबर के बीच RBI ने लगभग 30 अरब डॉलर का हस्तक्षेप किया। जून-सितंबर में 18 अरब और अक्टूबर में 10 अरब डॉलर की बिक्री की गई। अक्टूबर में RBI रुपये को 88.80 के नीचे कमजोर होने से रोकने के लिए लगातार डॉलर की आपूर्ति कर रहा था।