द्रौपदी मुर्मू आदिवासी हैं इसलिए शिवसेना ने समर्थन दिया, उनके राजग उम्मीदवार होने के कारण नहीं : राकांपा

Edited By rajesh kumar,Updated: 13 Jul, 2022 06:10 PM

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक नेता का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना आदिवासी नेता होने के कारण द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रही है, उनके राष्ट्रवादी जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का उम्मीदवार होने के कारण नहीं।

नेशनल डेस्क: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक नेता का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना आदिवासी नेता होने के कारण द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रही है, उनके राष्ट्रवादी जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का उम्मीदवार होने के कारण नहीं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछले महीने तक सत्ता में मौजूद रही महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल थीं। हालांकि, पिछले महीने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बागी होने और पार्टी के ज्यादातर विधायकों के पार्टी छोड़ने के कारण सरकार गिर गयी।

राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि मुर्मू के लिए समर्थन की घोषणा करने से पहले शिवसेना ने इस मुद्दे पर राकांपा से चर्चा नहीं की थी। उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना अपनी मर्जी से फैसला लेती रही है। ये (मुर्मू का समर्थन करने का शिवसेना का फैसला) राजग को समर्थन देना नहीं है। वह आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, शिवसेना ने इसी कारण समर्थन दिया होगा।''

गौरतलब है कि इससे पहले 2007 और 2012 के राष्ट्रपति चुनावों में शिवसेना ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवारों प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था, जबकि उस दौरान पार्टी भाजपा नीत राजग का हिस्सा थी। शिवसेना ने गठबंधन के हित से इतर राजग के उम्मीदवार का समर्थन किया है, इसे हल्के में लेते हुए पाटिल ने कहा कि पार्टियां कई फैसले अपने हिसाब से लेती हैं और गठबंधन सहयोगियों को उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा था कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी मुर्मू का समर्थन करेगी।

पाटिल ने कहा, ‘‘हम पाबंदियां नहीं लगा सकते हैं। कई फैसले पार्टी के स्तर पर होते हैं जिनमें गठबंधन सहयोगियों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि शरद पवार नीत पार्टी (राकांपा) चाहती है कि एमवीए बना रहे। उन्होंने कहा कि ठाकरे ने भी गठबंधन तोड़ने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। राकांपा नेता ने कहा, ‘‘आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में कैसे भागीदारी होनी है, इस संबंध में अभी तक एमवीए सहयोगियों के साथ हमारी चर्चा नहीं हुई है।''

 

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